
नई दिल्ली। एक तरफ जहां देश भर में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है। तो वहीं, दूसरी तरफ विश्व संस्कृत दिवस भी आज ही है। आज 31 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस है ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बाबत ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर लोगों को इस दिन की शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद एक कुछ ट्वीट किए हैं।
संस्कृत भाषा में किए गए पहले ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा है, “मैं विश्व संस्कृत दिवस की शुभकामनाएं देता हूं। उन सभी की सराहना करता हूं जो की इसके प्रति जुनून रखते हैं। भारत का संस्कृत से खास खास नाता है”।
विश्वसंस्कृतदिवसे मम शुभकामनाः। अहं सर्वान् अभिनन्दामि ये एतदर्थं भावुकाः सन्ति। संस्कृतेन सह भारतस्य संबन्धः विशिष्टः।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2023
अपने अगले ट्वीट में पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर बात कही है। संस्कृत में ही लिए गए ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा है कि, “आने वाले दिनों में भारत जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। दुनिया भर से हमारे यहां लोग आएंगे और हमारी सर्वोत्तम संस्कृति के बारे में जानेंगे”।
अग्रिमदिनेषु भारतं G20 संमेलनस्य आतिथ्यं करिष्यति। संपूर्णविश्वतः जनाः भारतम् आगमिष्यन्ति, अस्माकं श्रेष्ठसंस्कृतिं ज्ञास्यन्ति च। #CelebratingSanskrit
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2023
इसके बाद पीएम मोदी ने एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सभी संस्कृत में वाक्य साझा करें। आगे पीएम मोदी ने कहा है कि वो भी खुद संस्कृत में नए वाक्य साझा कर रहे हैं। यहां आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अपने इन ट्वीट में #CelebratingSanskrit का हैशटैग दिया है।
Greetings on World Sanskrit Day. I laud all those who are passionate about it. India has a very special relation with Sanskrit. To celebrate this great language, I urge you all to share one sentence in Sanskrit. In the post below, I will also share a sentence. Don’t forget to use…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2023
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल 31 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। श्रावण पूर्णिमा पर इसे मनाया जाता है। संस्कृत भारत की पुरानी भाषा है। हमारे तमाम ग्रंथ भी इसी भाषा में लिखे गए हैं। जब भी कोई पूजा-पाठ या धार्मिक कार्य होते हैं तो उसके श्लोक भी संस्कृत में ही पढ़े जाते हैं। संस्कृत को विश्व की प्रथम यानी पहली भाषा कहा जाती है और यही वजह है कि इसे देव भाषा भी कहते हैं।