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Modi To WSJ: भारत क्या है, चीन कैसा व्यवहार करे, कहां से मिलती है ताकत, अमेरिकी अखबार WSJ से पीएम मोदी ने सबकुछ बताया

उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों के बारे में कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच जैसा भरोसा है, वो आमतौर पर देखा नहीं जाता है। मोदी ने कहा कि भारत को और उच्च, गहराई वाले और व्यापक भूमिका की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम भारत को किसी और देश का हक मारने वाला नहीं मानते। दुनिया में अपने हक वाली स्थिति चाहिए।

वॉशिंगटन। पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका के ऐतिहासिक दौरे पर रवाना हो चुके हैं। वो 21 से 24 जून तक अमेरिका में अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। अपने अमेरिका दौरे से पहले पीएम मोदी ने अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को इंटरव्यू दिया है। अपने इंटरव्यू में मोदी ने भारत और अमेरिका के रिश्तों पर तो बात की है, साथ ही भारत को दुनिया में पहचान दिलाने के सवाल पर भी अपनी राय रखी है। मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि मैं पहला पीएम हूं, जो आजाद भारत में पैदा हुआ और वैसी ही आजाद सोच रखता हूं। उन्होंने कहा कि मेरे कर्म और जो भी मैं कहता हूं, वो मेरे देश की परंपरा और संस्कृति के मुताबिक होता है। मैं इससे शक्ति हासिल करता हूं।

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मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि मैं भारत को दुनिया में ठीक उसी तरह पेश करता हूं, जैसा वो है। इसी तरह मैं खुद को भी वैसा ही प्रस्तुत करता हूं, जैसा मैं हूं। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों के बारे में कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच जैसा भरोसा है, वो आमतौर पर देखा नहीं जाता है। मोदी ने कहा कि भारत को और उच्च, गहराई वाले और व्यापक भूमिका की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम भारत को किसी और देश का हक मारने वाला नहीं मानते। भारत को दुनिया में अपने हक वाली स्थिति चाहिए। मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मौजूदा सदस्यता का परीक्षण किया जाना चाहिए और दुनिया के सभी देशों से पूछा जाना चाहिए कि वहां भारत को होना चाहिए या नहीं। मोदी ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल से इंटरव्यू में कहा कि आज दुनिया पहले के मुकाबले ज्यादा जुड़ी है और देश एक-दूसरे पर निर्भर हैं। सप्लाई चेन में इसे देखते हुए और मजबूती लानी होगी और इसे व्यापक भी बनाना होगा।

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मोदी ने चीन के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल पर साफ कहा कि पड़ोसी देश से अच्छे संबंध के लिए सीमा पर शांति और पहले जैसी स्थिति का बरकरार रहना जरूरी है। मोदी ने कहा कि हमारा मूल सिद्धांत है कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून और शांतिपूर्ण तरीकों से मतभेद सुलझाए जा सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय नियम मानने चाहिए और कूटनीति व बातचीत से मुद्दों को हल करना चाहिए। यूक्रेन और रूस के मसले पर मोदी ने साफ कर दिया कि कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम शांति के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि भारत दोनों के बीच युद्ध को रोकने और शांति स्थापना के लिए हरसंभव कोशिश करता रहेगा।