![Video: ‘हमारे दोस्त भी हमको भिखारी समझने लगे..’, पाकिस्तान की खस्ता हालत पर छलका PM शाहबाज का दर्द](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2022/09/PAK-pm-shahbaz-sharif-1000x600.jpg)
नई दिल्ली। हाल ही में पाकिस्तान में आई बाढ़ ने पड़ोसी मुल्क में जबरदस्त तबाही मचाई है। कंगाल पाकिस्तान के आर्थिक हालात जगजाहिर हैं। यहां बाढ़ से कृषि योग्य भूमि, कारोबार, शहरी इलाकों से जुड़ी सड़कों के साथ ही पूरी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है। इस बीच पाकिस्तान की खस्ता हालत पर मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म शाहबाज शरीफ का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था इस कदर खस्ताहाल हो चुकी है कि अब तो हमारे दोस्त मुल्क भी पाकिस्तान को भिखारी के रूप में देखने लगे हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, शाहबाज शरीफ एक वकीलों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने कहा कि आज जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या उनको फोन करते हैं, तो वो सोचते हैं कि हम उनके पास पैसे मांगने आए हैं। शरीफ ने कहा कि छोटी इकॉनोमीस ने भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है और हम पिछले 75 सालों से भीख का कटोरा लेकर घूम रहे हैं।
शाहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बाढ़ से पहले ही बदहाली का सामना कर रही थी। 30 सालों में आई सबसे भयंकर बाढ़ ने इसे और ज्यादा जटिल बना दिया, जून की शुरुआत से अबतक 1,400 से ज्यादा लोग मारे गए और तीन करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। शाहबाज शरीफ के मुताबिक देश को बारिश और बाढ़ की वजह से 40 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान दौरे पर अंदाजा लगाया था कि उसे बाढ़ से करीब 30 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
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PM Shahbaz Sharif pic.twitter.com/DpMQvupEsv— Pak Un Fans (@fansofpakuntold) September 16, 2022
बाढ़ ने कंगाल पाकिस्तान का दम निकाला हुआ है लेकिन फिर भी वो आतंक की राह छोड़ने को तैयार नहीं है। वज़ीर-ए-आज़म आंसू बहा रहे हैं, आवाम और मीडिया सरकार को कोस रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। वहां की स्थानीय मीडिया शाहबाज शरीफ और उनकी सरकार की रोज जमकर खिंचाई करती है लेकिन पाकिस्तान अपना रवैया बदलना नहीं चाहता।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है और हर 7 में से एक शख्स बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है, जिससे 12 खरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है और लगभग 78, 000 वर्ग किलोमीटर यानि दो करोड़ एकड़ फसल पानी में डूबी हुई है।