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क्या पीओके में कुछ बड़ा होने वाला है, वहां के हालात, प्रदर्शनकारी भीड़ के हाथों में तिरंगा तो यही संकेत दे रहे हैं

पीओके में लोग 35 दिनों से लगातार धरना दे रहे हैं। लोग खुलकर भारत के पक्ष में बोल रहे हैं। लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। प्रदर्शनकारी पीओके के झंडे के साथ—साथ भारत का तिरंगा भी लहरा रहे हैं

इसी महीने की पांच मई को एक साक्षात्कार में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत को पीओके पर बलपूर्वक कब्जा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि कश्मीर के विकास को देखने के बाद वहां के लोग खुद ही इसका हिस्सा बनना चाहेंगे। ऐसा ही कुछ 10 मई को वहां पर नजर आया। जब लोगों ने पीओके की राजधानी में यहां की असेंबली के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस संबंध में कई वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हैं।

दरअसल पाकिस्तान द्वारा जबरन कब्जाए गए कश्मीर में लोग वहां बढ़ती हुई महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 10 मई को पीओके में महंगाई के खिलाफ वहां की ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी के आह्वान पर यहां की असेंबली के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन कर रहे लोग पीओके के झंडे के साथ अपने हाथों में भारतीय झंडा भी लिए हुए थे। पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा 3 अरब डॉलर के वित्तीय सहायता पैकेज को मंजूरी देते समय लगाई गई कड़ी शर्तों के कारण यहां स्थिति और भी खराब हो गई है। अब लोग यहां सड़कों पर उतर आए हैं।

35 दिनों से धरना दे रहे हैं लोग

पीओके में लोग 35 दिनों से लगातार धरना दे रहे हैं। लोग खुलकर भारत के पक्ष में बोल रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि हमारे यहां 250 रुपए किलो तक आटा मिल रहा है। हम खुद भारत के साथ शामिल होना चाहते हैं। बढ़ती महंगाई, बिगड़ते हालात और पाकिस्तानी फौज से तंग आकर यहां लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। लगातार हो रहे प्रदर्शनों को रोकने के लिए पीओके में धारा 144 लागू कर दी गई है ताकि लोग अपने घरों से बाहर न निकल सकें। इसके बाद भी पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद, मीरपुर और ददियाल जैसे इलाकों में सड़कों पर हैं। भीड़ के हाथों में पीओके के झंडे और भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा दिखाई दे रहा है।

हाल ही में पीओके को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर एक रैली के दौरान तीखा हमला किया, उन्होंने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के उस बयान की बखिया उधेड़ दी, जिसमें पिछले दिनों अय्यर ने पाकिस्तान के पास परमाणु बम होने का डर दिखाकर पाकिस्तान से बातचीत कर समाधान निकालने की बात कही थी। शाह ने कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम होने के डर से सबसे पुरानी पार्टी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर भारत का अधिकार छोड़ना चाहती है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार केंद्र की सत्ता में वापस आएगी तो देश पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को वापस ले लेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर जैसे लोग पाकिस्तान के प्रति सम्मान दिखाने की बात कर रहे हैं क्योंकि वे एक परमाणु शक्ति हैं। उन्होंने कहा कि क्या कश्मीर हमारा नहीं है? हम निर्णायक रूप से कार्रवाई करेंगे और पीओके वापस लेंगे।

बता दें कि इससे पहले पिछले दिनों विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि जम्मू कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है, जम्मू कश्मीर के उस अधिक्रांत हिस्से (पीओजेके) सहित पूरा जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जयशंकर ने इस संबंध में संसद के प्रस्ताव का भी स्मरण भी दिलाया था। जम्मू कश्मीर के “दैनिक व्येथ” (Daily vyeth) के संपादक मीर अश्क हुसैन कहते हैं कि पीओके में तो बहुत से मुद्दे हैं। वहां के लोग महंगाई से तो परेशान हैं ही, पाकिस्तान की फौज से भी परेशान हैं, पाकिस्तान की नीतियों के चलते वहां रोजगार नहीं हैं, लोग इससे भी परेशान हैं। पाकिस्तान सिर्फ यहां से संसाधनों का दोहन कर रहा है, यहां के आवाम के लिए वहां की सरकार कुछ नहीं करती है। ऐसे प्रदर्शन वहां लगातार होते रहते हैं। अब वहां हालात बेहद खराब हैं। वहां के लोग पाकिस्तान से छुटकारा पाकर भारत में शामिल होना चाहते हैं।

बता दें कि भारत एक नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। विश्व के अनेक देश भारत की साफगोई और नीतियों से प्रभावित हैं। इसके मुकाबले पाकिस्तान आज सिर्फ एक कंगाल और भिखमंगे देश के नाते जाना जा रहा है जिसकी न कोई विदेश नीति है, न ही कोई कद्दावर नेता हैं। हाल ही में एक पाकिस्तानी सांसद मौलाना फजलुर्रहमान ने भारत के विकास और दुनिया में एक बड़ा दर्जा पाने के प्रयासों की खुलकर तारीफ की थी। जम्मू कश्मीर के दैनिक अखबार “अखबार ए मशरिक” (akhbar e mashriq) के जम्मू कश्मीर क्षेत्र के संपादक मंजूर जुहूर कहते हैं कि पीओके के जो लोग हैं, वे हमारे लोग हैं। वहां के हालात खराब हैं। हिंदुस्तान महान देश है, वे लोग हिंदुस्तान के साथ आना चाहते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बढ़ता रोष, जिस तरह वहां के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिस तरह की परिस्थितियां पीओके में बन रही हैं उन हालातों को देखते हुए तो लग रहा है कि पीओके में वास्तव में कुछ बड़ा होने जा रहा है। बता दें भारत की संसद ने 22 फरवरी 1994 को सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया था कि संपूर्ण जम्मू—कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसके पूर्ण विलय का कार्य किया जाना बाकी है। हालांकि यह कैसे होगा, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे यह सब भविष्य के गर्भ में ही है।

डिस्कलेमर: उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं ।