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America-Russia Relations: पुतिन ने नहीं दी डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई, अमेरिका-रुस के रिश्तों को लेकर जानिए क्या कहा?

America-Russia Relations: वहीं दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को बधाई दी है। जेलेंस्की ने ट्रंप के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने ‘ताकत के दम पर शांति’ की बात कही थी। जेलेंस्की ने कहा कि सितंबर में ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया था। इसके साथ ही उन्होंने ट्रंप से रूस के खिलाफ यूक्रेन को समर्थन जारी रखने की अपील की है।

नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे लगभग साफ हो गए हैं, और डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति पद की कुर्सी पर वापसी करते नजर आ रहे हैं। विश्वभर के नेता उन्हें बधाई देने लगे हैं, लेकिन इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। क्रेमलिन ने स्पष्ट किया है कि पुतिन फिलहाल ट्रंप को बधाई नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ट्रंप की नीतियों का आकलन करने के बाद ही वे उनके लिए शुभकामनाओं पर विचार करेंगे।

पुतिन ने क्यों लिया यह रुख?

क्रेमलिन ने इस पर खुलासा करते हुए कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद का मूल्यांकन ‘ठोस कदमों’ के आधार पर किया जाएगा। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि रूस का निर्णय ट्रंप की नीतियों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ रिश्तों में सुधार के लिए ट्रंप को ठोस निर्णय लेने होंगे। पेसकोव ने यह भी जोड़ते हुए कहा कि चूंकि अमेरिका रूस का “नॉन फ्रेंडली देश” है, इसलिए बधाई देने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता।

जेलेंस्की ने ट्रंप को दी बधाई

वहीं दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को बधाई दी है। जेलेंस्की ने ट्रंप के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने ‘ताकत के दम पर शांति’ की बात कही थी। जेलेंस्की ने कहा कि सितंबर में ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया था। इसके साथ ही उन्होंने ट्रंप से रूस के खिलाफ यूक्रेन को समर्थन जारी रखने की अपील की है।

क्या रूस चाहता है ट्रंप की जीत?

रूस पर पहले भी आरोप लगे हैं कि उसने अमेरिकी चुनाव में ट्रंप का समर्थन किया था। २०१६ और २०२० के चुनावों में भी ट्रंप के पक्ष में मदद करने का आरोप रूस पर लगाया गया था। इसके पीछे कारण भी है— बाइडेन सरकार ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए और यूक्रेन को सैन्य व आर्थिक मदद देकर उसे मजबूत किया। ऐसे में, रूस के लिए ट्रंप का राष्ट्रपति पद पर लौटना अधिक फायदेमंद हो सकता है, लेकिन पुतिन की यह सतर्कता रूसी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दिखती है।