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अमेरिका ने रूस को दी धमकी, बताया इस संधि से हो रहा है बाहर!

संभावना है कि इस संधि से अलग होने से रूस और अमेरिका के बीत रिश्तों में तल्खी आ सकती है। दोनों देशों के बीच नाराजगी बढ़ सकती है। इसके अलावा उसके यूरोपीय सहयोगी और कांग्रेस के कुछ सदस्य भी नाराज हो सकते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अमेरिका ने रूस को धमकी देते हुए कहा है कि, वह उस संधि से बाहर हो रहा है जिसके तहत 30 से अधिक देशों को एक-दूसरे के क्षेत्र में हथियारों के बिना निगरानी उड़ानों की अनुमति है। इसको लेकर ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को सूचित किया है।

Donald Trump and Vladimir Putin

दरअसल यह व्यवस्था परस्पर विश्वास बढ़ाने और संघर्ष को टालने के लिए शुरू की गयी थी। इसके लेकर अमेरिका कहा कहना है कि, वह मुक्त आकाश संधि से बाहर होना चाहता है क्योंकि रूस समझौते का उल्लंघन कर रहा है। इसके अलावा उड़ानों के दौरान एकत्र तस्वीरें अमेरिका या वाणिज्यिक उपग्रहों से काफी कम लागत पर तुरंत प्राप्त की जा सकती हैं।

Vladimir Putin And Donald Trump

संभावना है कि इस संधि से अलग होने से रूस और अमेरिका के बीत रिश्तों में तल्खी आ सकती है। दोनों देशों के बीच नाराजगी बढ़ सकती है। इसके अलावा उसके यूरोपीय सहयोगी और कांग्रेस के कुछ सदस्य भी नाराज हो सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डी आइजनहावर ने पहली बार जुलाई 1955 में प्रस्ताव दिया था कि अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ एक दूसरे के क्षेत्र में हवाई टोही उड़ानों की अनुमति दें। मास्को ने पहले उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। लेकिन राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश ने मई 1989 में फिर से यह प्रस्ताव किया और जनवरी 2002 में यह संधि लागू हो गई। अभी 34 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं।

Vladimir Putin And Donald Trump

संधि पर नजर डालें तो बता दें कि किर्गिस्तान ने भी इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन उसने अभी तक इसकी अभिपुष्टि नहीं की है। इस संधि के तहत 1,500 से अधिक उड़ानों का संचालन किया गया है जिसका उद्देश्य सैन्य गतिविधि के बारे में पारदर्शिता को बढ़ावा देना और हथियारों के नियंत्रण तथा अन्य समझौतों की निगरानी करना है। संधि में सभी देश अपने सभी क्षेत्रों को निगरानी उड़ानों के लिए उपलब्ध कराने पर सहमत हैं, फिर भी रूस ने कुछ क्षेत्रों में उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।