इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से 3 अरब डॉलर का कर्ज लेकर अपना काम चला रहे पाकिस्तान की आर्थिक हालत सुधर नहीं पाई है। नतीजे में अब उसने सभी सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला किया है।
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने सभी सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला किया है। सिर्फ रणनीतिक महत्व की कंपनियों को ही पाकिस्तान सरकार चलाएगी। पीएम शहबाज शरीफ ने मिनिस्ट्री ऑफ प्राइवेटाइजेशन एंड प्राइवेटाइजेशन कमीशन की बैठक में ये फैसला किया। बैठक में शहबाज शरीफ ने कहा कि सरकारी कंपनियों को बेचने से करदाताओं का पैसा बचेगा और जो रकम मिलेगी, उसे लोगों के हित में खर्च किया जा सकेगा। शहबाज शरीफ की इस अहम बैठक के बाद सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वो सरकारी कंपनियों को बेचने के काम में प्राइवेटाइजेशन कमीशन की मदद करें।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि सरकार का काम व्यापार करना नहीं, इसके लिए निवेश की खातिर माहौल बनाना है। शहबाज शरीफ ने बैठक में ये भी कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस पीआईए की बिक्री प्रक्रिया का सीधा प्रसारण किया जाए। पीआईए का निजीकरण मई में ही पूरा किया जाना है। बाकी कंपनियों को भी पाकिस्तान सरकार जब बेचेगी, तो इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। एआरवाई की रिपोर्ट के अनुसार पहले घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को पाकिस्तान सरकार बेचेगी। इस काम में तेजी लाने के लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाने का भी फैसला हुआ है। इससे पहले बीते शुक्रवार को भी 24 सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला शहबाज शरीफ सरकार ने किया था। बता दें कि बीते दिनों ही खबर आई थी कि पाकिस्तान अपने सोना और तांबे की खदानों को सऊदी अरब को बेचने जा रहा है। पाकिस्तान पर तो जबरदस्त कर्ज है ही, साथ ही वहां आटा और पेट्रोल जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें भी महंगी बिक रही हैं। बिजली की दरें भी पाकिस्तान में आसमान छू रही हैं। अब सरकारी कंपनियों को बेचने से उनमें काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों की नौकरी भी बड़े पैमाने पर खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है।