
यरुशलम। इजरायल ने हमास के एक और बड़े नेता को मार गिराने का दावा किया है। इजरायल की सेना ने दावा किया है कि गाजा के सबरा इलाके में एयर स्ट्राइक की गई। इस एयर स्ट्राइक में हमास का नेता हाकम मोहम्मद इस्सा अल-इस्सा ढेर हो गया। इजरायल के मुताबिक हाकम मोहम्मद इस्सा हमास का टॉप का सैन्य लीडर था। हमास का सैन्य विंग उसने ही बनाया था। साथ ही 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए नरसंहार का वो मास्टरमाइंड था। इससे पहले इजरायल ने हमास के सबसे बड़े नेता इस्माइल हनिया को ईरान की राजधानी तेहरान में बम धमाका कर मार दिया था। वहीं, गाजा में हमास के एक और टॉप लीडर याह्या सिनवार की भी जान ली थी।
🔴 ELIMINATED: eliminated Hakham Muhammad Issa Al-Issa—one of the founders of Hamas’ military wing.
Issa led Hamas’ force build-up, training, and planned the October 7 massacre. As Head of Combat Support, he advanced aerial & naval attacks against Israelis.
The IDF & ISA will… pic.twitter.com/pzf7DgQc19
— Israel Defense Forces (@IDF) June 28, 2025
इजरायल की सेना के मुताबिक हाकम मोहम्मद इस्सा सीरिया और इराक में युद्ध की ट्रेनिंग लेने के बाद साल 2005 में गाजा आकर हमास से जुड़ा था। बयान में कहा गया है कि हाकम मोहम्मद ने 7 अक्टूबर के हमले की योजना बनाने में मुख्य भूमिका निभाई। वो हमास की सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देने के काम से भी जुड़ा था। इजरायल की सेना के मुताबिक हाकम मोहम्मद हमास के लिए हवाई और समुद्र के रास्ते हमले की योजनाओं में भी अहम भूमिका निभाता रहा। वो हमास के जनरल सिक्यूरिटी काउंसिल का सदस्य होने के साथ ट्रेनिंग मुख्यालय का हेड भी था। हाकम मोहम्मद इस्सा अल-कसम ब्रिगेड्स की सैन्य अकादमी का भी सह संस्थापक था। जहां हमास तकनीकी क्षमताएं विकसित करने और हजारों आतंकियों को ट्रेनिंग देने का काम करता था।
ईरान से युद्ध खत्म होने के बाद इजरायल ने एक बार फिर हमास और हिजबुल्लाह की तरफ सैन्य अभियान शुरू किया है। हिजबुल्लाह की बची-खुची सैन्य ताकत को नष्ट करने के लिए इजरायल ने लेबनान के दक्षिणी हिस्सों में जमकर बमबारी की थी। वहीं, गाजा में भी इजरायल की सेना ने अपना दखल बना रखा है। इजरायल ने साफ कहा है कि 7 अक्टूबर के हमले के लिए जिम्मेदार हमास के हर नेता और सदस्य को वो किसी सूरत में नहीं बख्शेगा। हाकम मोहम्मद के बारे में पुख्ता जानकारी मिलने के बाद इजरायल ने उसे ठिकाने लगाने के लिए ऑपरेशन चलाया। इससे मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ने के आसार बन सकते हैं। इसकी वजह ये है कि ईरान की तरफ से हिजबुल्लाह और हमास को मदद दी जाती है।