इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर में आतंक का खूनी खेल खेलने वाले टॉप मोस्ट इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर के पाकिस्तान के रावलपिंडी में मारे जाने की खबर है। वो आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का संस्थापक सदस्य और नंबर 3 कमांडर था। 4 अक्टूबर को मोदी सरकार ने इम्तियाज को यूएपीए कानून के तहत आतंकी घोषित भी किया था। कश्मीर घाटी में तमाम हमलों की साजिश इम्तियाज ने रची थी। रावलपिंडी में इम्तियाज को किसने मारा, ये अभी पता नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इम्तियाज के मारे जाने की खबर पुख्ता है। हालांकि, इस मामले में पाकिस्तान की सरकार ने चुप्पी साध रखी है।
#BREAKING | Top commander of Hizb Bashir Ahmad Peer killed in #Rawalpindi, Pakistan…#Pakistan #Hizb #terrorist #BashirAhmadPeer pic.twitter.com/SX5Vs1qhmN
— News18 Kashmir (@News18Kashmir) February 21, 2023
इम्तियाज आलम पर 23 मई 2019 को जम्मू-कश्मीर में अल-कायदा से जुड़े संगठन अंसार गजवत उल-हिंद के चीफ कमांडर जाकिर मूसा की हत्या का आरोप भी लगा था। इम्तियाज पहले हिजबुल के साथ था, लेकिन साल 2017 में उसने संगठन से किनारा कर लिया। इसके बाद वो कश्मीर घाटी में खिलाफत की स्थापना और शरीयत को लागू करने के लिए जोर देने लगा था। इम्तियाज पर युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती करने और कई हमले करने का आरोप भी था। इस टॉप मोस्ट आतंकी की मौत से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में अब काफी कमी आने के आसार हैं।
इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का मूल निवासी था। वो बाद में हिजबुल के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के साथ भागकर पाकिस्तान चला गया था। पाकिस्तान में वो रावलपिंडी में ही रहता था। इम्तियाज को साल 2007 में पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में भी लिया था, लेकिन खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर उसे रिहा कर दिया गया था। पाकिस्तान में वो कई बार हिजबुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन के साथ उसकी सभाओं में दिखा था और भारत विरोधी बयानबाजी करने में आगे रहता था। उसके तमाम साथी कश्मीर में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे और गिरफ्तार भी किए गए थे।