newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Pakistan-Turkey : दाने-दाने को मोहताज कंगाल पाकिस्तान बनने चला तुर्की का रहनुमा, देगा 10 अरब की मदद, पीएम शरीफ बोले, ‘मुसलमान…

Pakistan-Turkey : शहबाज शरीफ ने कहा कि तुर्की और पाकिस्तान के रिश्ते सदियों पुराने हैं। उन्होंने कहा कि हम तुर्की को अकेला नहीं छोड़ेंगे। इस कठिन समय में हम उनके साथ हैं, जैसे 2005 में हमारे यहां भूकंप आने पर तुर्की ने मदद की थी। अब उसी जुनून के साथ हमें तुर्की का सहयोग करना होगा।

इस्लामाबाद। आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को कहीं से भी राहत नहीं मिल रही है। लेकिन फिर भी मुसलमानों के लिए पाकिस्तान रहनुमा बनने का निरर्थक प्रयास कर रहा है। हालात ऐसे हैं कि, पाई पाई के लिए IMF के चक्कर लगा रहे पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार अब 3 अरब डॉलर से भी कम बचा है। हालत यह है कि एक महीने के आयात के लिए भी पाकिस्तान के पास पैसों की कमी है। इस बीच उसने भीषण भूकंप का कहर झेलने वाले तुर्की को 10 अरब रुपये की मदद करने का ऐलान किया है। यही नहीं पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने देशवासियों से भी अपील की है कि वे तुर्की के लोगों की मदद के लिए डोनेट करें और मुश्किल समय में तुर्की की मदद को आगे आएं।

आपको बता दें कि लाहौर एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि 10 अरब रुपये की रकम जारी की गई है। इस फंड से हम टेंट, कपड़े, कंबल और ड्राई फूड खरीदेंगे। यही नहीं उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कैश, कपड़े और अन्य सामान भी दान करें। शहबाज शरीफ ने कहा कि हम यह भी कहेंगे कि आप नए कपड़े ही दान करें। कोई पुराने कपड़े न दे क्योंकि इन्हें न तो वे लेंगे और ना ही हमें देना चाहिए। शहबाज शरीफ ने कहा कि हमें भरोसा है कि इस संकट से तुर्की के हमारे भाई उबर जाएंगे। इसी तरह सीरिया में भी होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की 22 करोड़ की जनता इस कठिन समय में तुर्की के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुई है।

Earthquake In Turkey.इसके साथ ही शहबाज ने कहा कि जिस रात को भूकंप आया था। मैंने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयब अर्दोआन को फोन किया था। मैंने कहा कि पाकिस्तान के लोग भाई और मुसलमान होने के नाते आप लोगों के साथ हैं। हम भूकंप पीड़ितों की यथासंभव मदद करेंगे। शहबाज शरीफ ने कहा कि तुर्की और पाकिस्तान के रिश्ते सदियों पुराने हैं। उन्होंने कहा कि हम तुर्की को अकेला नहीं छोड़ेंगे। इस कठिन समय में हम उनके साथ हैं, जैसे 2005 में हमारे यहां भूकंप आने पर तुर्की ने मदद की थी। अब उसी जुनून के साथ हमें तुर्की का सहयोग करना होगा।