
वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदार हैं। अमेरिका से भारत के रिश्ते बीते 10 साल में अच्छे भी हुए हैं, लेकिन कुछ मसलों पर भारत और अमेरिका के बीच तनातनी भी बनी रहती है। इनमें से एक वजह अमेरिका की ओर से हर साल जारी होने वाली अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी संबंधी रिपोर्ट भी है। कई बार अमेरिका ने इस रिपोर्ट में भारत पर ऊल-जुलूल आरोप लगाए हैं। इस बार भी अमेरिका ने धार्मिक आजादी संबंधी रिपोर्ट में ऐसा ही किया है। खास बात ये है कि बीते दिनों ही खबर आई थी कि पीएम नरेंद्र मोदी कुछ दिन बाद रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस खबर के बाद ही अमेरिका की रिपोर्ट में भारत पर आरोप मढ़े गए हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अंतराष्ट्रीय धार्मिक आजादी संबंधी रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि भारत में धर्म परिवर्तन संबंधी कानून में बढ़ोतरी देखी गई है। ब्लिंकेन ने ये भी कहा कि भारत में हेट स्पीच और अल्पसंख्यकों के घरों और धार्मिक स्थलों को गिराए जाने की घटनाएं भी हो रही हैं। एंटनी ब्लिंकेन ने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ईशनिंदा कानून के कारण भीड़ की हिंसा देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में हाल के दिनों में मुस्लिम और यहूदियं के प्रति हिंसा की घटनाएं नाटकीय तरीके से बढ़ी हैं। सुनिए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने क्या कहा।
#WATCH | US Secretary of State Antony Blinken says “Today, the State Department is releasing its annual report on the status of international religious freedom…The Department’s report tracks these kinds of threats to religious freedom in almost 200 countries. For example,… pic.twitter.com/QcbQC0BQTp
— ANI (@ANI) June 27, 2024
ऐसा पहली बार नहीं है, जब अमेरिका धार्मिक आजादी संबंधी रिपोर्ट में भारत पर अंगुली उठा रहा है। इससे पहले भी लगातार अमेरिका इस रिपोर्ट में भारत के लिए ऐसी ही बातें कहता रहा है। भारत ने हर बार इस रिपोर्ट को खारिज किया है। हकीकत भी यही है कि अमेरिका जिन अल्पसंख्यकों का भारत में उत्पीड़न का आरोप लगाता है, वो यहां बेहतर जिंदगी जी रहे हैं। अपराधियों और अवैध कब्जों के खिलाफ अगर बुलडोजर एक्शन हो रहा है, तो वो कानून के तहत है। फिर भी एंटनी ब्लिंकेन के जरिए अमेरिका की सरकार आरोप लगा रही है कि अल्पसंख्यकों के घर और धार्मिक स्थल गिराए जा रहे हैं। अब नजर इस पर है कि अमेरिका की इस धार्मिक आजादी संबंधी रिपोर्ट पर मोदी सरकार की कितनी कठोर प्रतिक्रिया आती है। मोदी सरकार हर बार अमेरिका की ऐसी रिपोर्टों को गलत बताकर विरोध जताती रही है। इसके लिए अल्पसंख्यकों के कल्याण से जुड़े आंकड़े भी दिए जाते रहे हैं।