
वॉशिंगटन। अमेरिका ने वॉशिंगटन कोर्ट के जज जेम्स बोसबर्ग के आदेश को अनदेखा करते हुए अल-सल्वाडोर के 250 अवैध प्रवासियों को निकाल बाहर किया है। अल-सल्वाडोर के अवैध प्रवासियों को प्रत्यर्पित करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 1798 के एलियन एनिमीज एक्ट का सहारा लिया है। जज बोसबर्ग ने इससे पहले आदेश दिया था कि किसी भी अवैध प्रवासी का अमेरिका से उसके देश प्रत्यर्पण न किया जाए। 1798 में अमेरिका में बने एलियन एनिमीज एक्ट को उस वक्त देश से वेनेजुएला के गैंग के सदस्यों को प्रत्यर्पित करने के लिए बनाया गया था। इससे पहले इस कानून के तहत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान और इटली मूल के 1 लाख लोगों को अमेरिका ने निकाला था।
अमेरिका से निकाले गए अल-सल्वाडोर के अवैध प्रवासी जब अपने देश पहुंचे, तब उनको पुलिस ने विमान से उतारकर हाई सिक्युरिटी वाले जेल भेजा है। अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नाइब बुकेले को डोनाल्ड ट्रंप का करीबी माना जाता है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही अपने देश से अवैध प्रवासियों को निकालने के आदेश पर दस्तखत किए थे। वहीं, वॉशिंगटन कोर्ट के जज जेम्स बोसबर्ग ने कोलंबिया मूल के कुछ लोगों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए अमेरिका से अवैध प्रवासियों को निकालने के आदेश को गलत बताया था। जज बोसबर्ग का फैसला आने के बाद ट्रंप प्रशासन ने 1798 के कानून का इस्तेमाल किया। अब इसे लेकर अमेरिका में जोरदार बहस छिड़ने के आसार हैं।
अमेरिका में तमाम देशों के अवैध प्रवासी हैं। डोनाल्ड ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि अवैध प्रवासियों के कारण अमेरिका की सुरक्षा खतरे में है। ट्रंप ने इससे पहले कोलंबिया और भारत समेत कई देशों के अवैध प्रवासियों को सेना के विमान में बिठाकर उनके देश वापस भेजा था। अब कोर्ट के आदेश की परवाह न करते हुए अल-सल्वाडोर के अवैध प्रवासियों को निकालने के कदम से साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार अवैध प्रवासियों को हर हाल में निकालने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार है।