
केप कैनेवरेल। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 10 दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन गई थीं। उनके साथ अमेरिका के ही दूसरे अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर भी अंतरराष्ट्रीय स्टेशन गए थे, लेकिन करीब 10 महीने बाद भी सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर वापसी नहीं हो सकी है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केप कैनेवरेल रॉकेट लॉन्चिंग साइट से 13 मार्च को एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का फैल्कन रॉकेट लॉन्च किया जाना था। इस रॉकेट से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ड्रैगन कैप्सूल भेजा जाना था। इसी ड्रैगन कैप्सूल में बैठकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष से धरती पर लौटना था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण फैल्कन रॉकेट लॉन्च ही नहीं हो सका। अब बताया जा रहा है कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर लाने की नई तारीख तय हुई है।
नासा के मुताबिक सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से 19 मार्च को धरती पर लाने की योजना है। इस योजना के तहत नासा के लॉन्चिंग पैड से शुक्रवार शाम को ड्रैगन कैप्सूल लेकर स्पेसएक्स का फैल्कन रॉकेट उड़ान भरेगा। फैल्कन रॉकेट अंतरिक्ष में ड्रैगन कैप्सूल को अलग करेगा। फिर ड्रैगन कैप्सूल धरती का चक्कर लगाता हुआ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचेगा। फिर ड्रैगन कैप्सूल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जोड़ा जाएगा। ये डॉकिंग कहलाती है। डॉकिंग की प्रक्रिया ठीक से होने के बाद ड्रैगन कैप्सूल और अंतरिक्ष स्टेशन के दरवाजों को खोलकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर उसमें बैठेंगे। उनके साथ रूस के भी एक अंतरिक्ष यात्री को लेकर ड्रैगन कैप्सूल वापस लौटेगा।
धरती से ड्रैगन कैप्सूल में बिठाकर अमेरिका के 2, जापान के 1 और रूस के 1 अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा जाना है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी न होने का मुद्दा अमेरिका में गर्माया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने आरोप लगाया है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर वापस लाने के लिए कदम नहीं उठाए। एलन ने तो ये आरोप भी लगाया है कि नासा ने उनसे दोनों को वापस लाने के लिए स्पेसएक्स के रॉकेट के इस्तेमाल पर बात भी कर ली थी, लेकिन बाइडेन ने इसकी मंजूरी नहीं दी।