वॉशिंगटन। पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी से एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक एलान किया है। खुद पर हुए हमले के एक दिन बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ये एलान किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि जेडी वेंस उनके उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। तो अब आपको बताते हैं कि आखिर जेडी वेंस कौन हैं और उनकी क्या उपलब्धियां रही हैं?
राजनीति में आने से पहले जेडी वेंस उद्योगपति थे। सिर्फ 3 साल पहले यानी 2021 में वो अमेरिका की राजनीति में आए। जेडी वेंस ने ओहियो में अमेरिकी सीनेटर पद के लिए चुनाव लड़ा। उनको तब डोनाल्ड ट्रंप ने समर्थन दिया था। जेडी वेंस डेमोक्रेटिक प्रत्याशी टिम रयान को हराकर 3 जनवरी 2023 को अमेरिका की संसद के सीनेट पहुंचे थे। जेडी वेंस की सिर्फ यही उपलब्धि नहीं है। उनकी लिखी एक किताब पर फिल्म भी बन चुकी है। इस किताब का नाम ‘हिलबिली एलीगी’ है। बेस्टसेलर बनी जेडी वेंस की इस किताब में उन्होंने ओहियो के मिडिलटाउन में अपने पालन-पोषण और रस्ट बेल्ट इलाके में श्वेत समुदाय के श्रमिकों के सामने आने वाली आर्थिक और सांस्कृतिक चुनौतियों के बारे में लिखा। जेडी वेंस की पत्नी भारतीय मूल की हैं। शादी से पहले उनका नाम ऊषा चिलुकुरी था। ऊषा का बचपन कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हुआ। उन्होंने भी येल लॉ स्कूल से ग्रेजुएशन किया है। इसी दौरान जेडी वेंस से उनको प्रेम हुआ। 4 साल डेटिंग के बाद ऊषा और जेडी वेंस ने 2014 में हिंदू विधि से शादी की। जेडी और ऊषा के 3 बच्चे हैं। 2 साल की बेटी का नाम मीराबेल है। वहीं, बेटों का नाम इवान और विवेक है। इवान 6 और विवेक 4 साल का है।
अमेरिका की तरफ से मरीन कोर में भर्ती होकर जेडी वेंस ने इराक में जंग भी लड़ा। येल लॉ स्कूल से ग्रेजुएट जेडी वेंस 2 अगस्त 1984 को पैदा हुए थे। वेंस का पालन-पोषण उनके दादा और दादी ने किया था। अगर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाते है, तो जेडी वेंस उप राष्ट्रपति बन जाएंगे। अमेरिका में जो भी प्रत्याशी राष्ट्रपति बनता है, उसका नामित उप राष्ट्रपति प्रत्याशी भी जीता हुआ माना जाता है। खास बात ये है कि बीते दिनों डोनाल्ड ट्रंप पर जिस तरह हमला हुआ, उससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ी है। अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति पद का चुनाव होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति पद चुनाव में जनता सीधे हिस्सा नहीं लेती। लोग पहले अपना प्रतिनिधि चुनते हैं और ये प्रतिनिधि ही वोट देकर अमेरिका का राष्ट्रपति तय करते हैं।