वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की अगली सरकार में लिंडा मैकमोहन को अहम जिम्मेदारी दी है। डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में लिंडा मैकमोहन शिक्षा जैसे अहम महकमे की जिम्मेदारी संभालेंगी। लिंडा मैकमोहन ने इस साल जुलाई में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार के लिए 8 लाख से ज्यादा डॉलर का दान दिया था। लिंडा मैकमोहन को शिक्षा सचिव बनाने का एलान करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो इस पद को संभालकर अमेरिका के हर राज्य के लिए च्वॉइस को बढ़ाएंगी। साथ ही पैरेंट्स को ये ताकत देंगी कि वे अपने परिवार के सदस्यों की बेहतर शिक्षा के बारे में फैसला कर सकें। ट्रंप ने कहा कि लिंडा मैकमोहन के रहते हम राज्यों को शिक्षा का काम वापस करेंगे और वो इसे आगे बढ़ाएंगी। उन्होंने लिंडा मैकमोहन के दशकों पुराने नेतृत्व क्षमता की भी बात कही है।
लिंडा मैकमोहन वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट यानी डब्ल्यूडब्ल्यूई की सह संस्थापक रही हैं। वो डोनाल्ड ट्रंप की पुरानी सहयोगी भी हैं। लिंडा मैकमोहन का हालांकि शिक्षा के क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने न तो कहीं टीचर का काम किया है और न ही पहले शिक्षा से संबंधित कोई नीति बनाई है। हां, इतना जरूर है कि लिंडा मैकमोहन अमेरिका के कनेक्टीकट राज्य के शिक्षा बोर्ड में एक साल काम कर चुकी हैं। लिंडा मैकमोहन डब्ल्यूडब्ल्यूई में पद छोड़ने के बाद राजनीति में शामिल हुई थीं। वो 2010 और 2012 में दो बार अमेरिकी सीनेट का चुनाव भी लड़ीं, लेकिन एक बार रिचर्ड ब्लूमेंथल और दूसरी बार क्रिस मर्फी से हार गईं। लिंडा मैकमोहन पर एक आरोप भी लगा। लिंडा, उनके पति विंस मैकमोहन और कंपनी के अन्य कर्ताधर्ताओं पर ये आरोप युवकों के यौन उत्पीड़न से संबंधित रहा है। हालांकि, लिंडा और उनके पति का कहना है कि वो ऐसे किसी अपराध से नहीं जुड़े हैं।
लिंडा मैकमोहन ने कहा है कि राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप नौकरियां देंगे और अमेरिका के कामगारों के सबसे अच्छे दोस्त साबित होंगे। लिंडा ने ये भी कहा कि ट्रंप अच्छे व्यक्ति हैं और लड़ने वाले भी माने जाते हैं। लिंडा के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप शेर जैसे दिल वाले और अमेरिका की रक्षा के लिए नरक के द्वार पर भी खड़े होने का माद्दा रखते हैं। लिंडा मैकमोहन की शिक्षा सचिव के तौर पर नियुक्ति अहम मानी जा रही है, क्योंकि अमेरिका में जो बाइडेन के दौर में स्टूडेंट्स के लिए लोन संबंधी मसला भी उठ चुका है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही एलान किया है कि वो शिक्षा विभाग को ही खत्म कर देंगे। ताकि सभी छात्रों को अपने पसंद के स्कूल में शिक्षा हासिल करने में बराबरी का मौका मिले।