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Who Is Tulsi Gabbard In Hindi: कौन हैं तुलसी गबार्ड?, डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस का अहम ओहदा संभालेंगी

Who Is Tulsi Gabbard In Hindi: रिपब्लिकन पार्टी की सदस्य तुलसी गबार्ड को अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर यानी डीएनआई पद पर तैनात करने का फैसला किया है। आपको बता रहे हैं कि आखिर तुलसी गबार्ड कौन हैं और ये अहम पद उनको क्यों सौंपा जा रहा है।

वॉशिंगटन। रिपब्लिकन पार्टी की सदस्य तुलसी गबार्ड को अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर यानी डीएनआई पद पर तैनात करने का फैसला किया है। तुलसी गबार्ड हिंदू धर्म को मानती हैं। वो अमेरिका की सेना में भी काम कर चुकी हैं। तुलसी गबार्ड को अहम पद देने का एलान कर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनकी नियुक्ति अमेरिका के खुफिया समुदाय में निर्भीक भावना लाएगा। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तुलसी गबार्ड की डीएनआई पद पर नियुक्ति से संवैधानिक अधिकारों को बल मिलेगा। साथ ही मजबूती से शांति भी आएगी।

तुलसी गबार्ड अमेरिका की सेना में रहते अफ्रीका और मध्य-पूर्व में तैनात रहीं। अभी वो सेना की रिजर्व बटालियन में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर हैं। तुलसी गबार्ड ‘वी मस्ट प्रोटेक्ट’ नाम का एनजीओ भी चलाती हैं। 21 साल की उम्र में तुलसी गबार्ड अमेरिका के हवाई राज्य में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की सदस्य बन गई थीं। 2004 में वो अमेरिकी सेना का हिस्सा बन इराक गईं। जहां से 2006 में तुलसी गबार्ड अपने देश वापस लौटीं। अमेरिकी संसद के सीनेट के सदस्य डैनी अकाका के साथ भी तुलसी गबार्ड ने काम किया। 31 साल की उम्र में वो अमेरिका की संसद सदस्य बनीं और 8 साल तक इस पद पर रहीं। अमेरिकी संसद की गृह सुरक्षा संबंधी समिति में भी तुलसी गबार्ड रही हैं। साल 2020 में तुलसी गबार्ड ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ा था।

तुलसी गबार्ड पहले डेमोक्रेटिक पार्टी में थीं, लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी ज्वॉइन की और इस साल अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदारी भी ठोकी, लेकिन बाद में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में अपनी दावेदारी वापस ले ली। तुलसी गबार्ड मौजूदा उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की मुखर विरोधी हैं। उन्होंने एक डिबेट में कमला हैरिस को अपने तर्कों से लाजवाब भी कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप की तरह तुलसी गबार्ड भी अपने देश अमेरिका को सर्वश्रेष्ठ देखना चाहती हैं। वो अवैध अप्रवासियों के मामले में भी ट्रंप की तरह कठोर राय रखती आई हैं।