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Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये काम, यहां जानें नवरात्रि से जुड़ी सारी जानकारी, सिर्फ एक क्लिक पर

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ 9 दिन के लिए देवी मां का पूजा पाठ शुरू किया जाता है। नवरात्र में मां के नौ रुपों को पूजा जाता हैं। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस साल चैत नवरात्री 2 अप्रेल 2022 को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 22 मिनट से सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।

नई दिल्ली। नवरात्रि का त्योहार देश भर में काफी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ‘नवरात्रि’ संस्कृत के 2 शब्दों नव और रत्रि से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है 9 रातें। नवरात्रि के इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो पूरे साल भर में 4 नवरात्रे आते हैं, जिनमें से दो नवरात्री का ज्यादा महत्व माना जाता हैं। जो चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि है। चैत्र नवरात्रि मार्च-अप्रैल महीनें में आती हैं और शारदीय नवरात्रि सितंबर-अक्टूबर महीनें के बीच आती हैं। अगर आप भी नवरात्र से जुड़ी सारी बातों को जानना चाहते हैं, तो हम आपको अपने इस लेख में नवरात्री से जुड़ी सारी जानकारी देने जा रहे हैं।

नवरात्र 2

क्या होगी मां दुर्गा की सवारी

इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त हो जाएगी। इस बार मां दुर्गा घोड़े में सवार होकर विराजने वाली हैं। शास्त्रों में ऐसा पढ़ने को मिलता है कि नवरात्रि का शुभारंभ अगर सोमवार और रविवार से हो रहा हो तो माता रानी हाथी पर सवार होकर विराजती हैं और अगर नवरात्रि की शुरुआत शनिवार और मंगलवार से हो तो मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर सवार होता है। नवरात्रि का आरंभ जब बुधवार को होती है तो मां दुर्गा का वाहन नाव होता है। अगर नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार और शुक्रवार को होती है तो मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आती हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से हो रही है तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आने वाली हैं।

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ 9 दिन के लिए देवी मां का पूजा पाठ शुरू किया जाता है। नवरात्र में मां के नौ रुपों को पूजा जाता हैं। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस साल चैत नवरात्री 2 अप्रैल 2022 को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 22 मिनट से सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इसी समय कलश स्थापना करने से आपको नवरात्रि का पूरा फल मिलता है।

नवरात्र के 9 दिनों में क्या करें क्या न करें

नवरात्रि में मां की पूजा-अर्चना करने से देवी दुर्गा की खास कृपा मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के समय में कुछ कामों को करने से बचना चाहिए। कहा जाता है कि अगर कोई नवरात्रि में इन कामों को करता है तो उसे दरिद्रता के साथ-साथ कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ सकता है। तो आइए अब उन कामों के बारे में भी जान लीजिए, जिन्हें नवरात्रि के समय में नहीं करने चाहिए।

Navaratri

1. नाखून काटना

नवरात्रि के 9 दिनों में नाखून नहीं काटने चाहिए। आपने देखा भी होगा कि कई लोग नवरात्रि के शुरू होने से पहले ही अपने नाखून काट लेते है, ताकि 9 दिनों में नाखून काटने की जरूरत न पड़े। कहा जाता है कि ऐसा करने से देवी क्रोधित हो जाती हैं। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।

2. बाल कटवाना

नवरात्र में कटिंग और शेविंग नहीं करानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के समय में बाल कटवाने से भविष्य में सफल होने की संभावना कम हो जाती हैं। इसलिए 9 दिनों तक बाल और शेविंग कर वाने से बचना चाहिए।

3. लेदर की चीजें पहनना

नवरात्रि के 9 दिनों में चमड़े के बेल्ट, जूते, जैकेट, ब्रेसलेट आदि नहीं पहनने चाहिए। इसके पीछे की वजह ये है कि चमड़ा जानवरों की खाल से बना होता है और इसे पवित्र नहीं माना जाता है। इसलिए नवरात्रि में लेदर से बनी चीजों दूर रहना चाहिए।

4. नॉनवेज खाना

नवरात्र के 9 दिनों में देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इन 9 दिनों तक देवी के भक्त उपवास रखते हैं और देवी मां की पूजा अर्चना करते हैं। इसलिए नवरात्रि के दौरान सभी प्रकार के नॉनवेज नहीं खाना चाहिए।

5. प्याज-लहसुन खाना

हिंदू धर्म में प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन के रूप में माना जाता है। नवरात्रि के समय में तामसी खाद्य पदार्थों का सेवन करना अशुभ माना जाता। इसलिए 9 दिनों तक सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

6. शराब का सेवन करना

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पवित्र समारोह या त्योहार में शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। चैत्र नवरात्रि देवी मां की आराधना के लिए सबसे पवित्र माने जाते हैं, इसलिए नवरात्रि पूजा के 9 दिनों के दौरान शराब का सेवन करने से बचना चाहिए।