नई दिल्ली। साल में चार बार नवरात्रि आती है। इनमें से दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि होती है। चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र दो प्रकट नवरात्र हैं। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है। बता दें कि, हर नवरात्र का अपना अलग महत्व होता है जैसे शारदीय नवरात्र आश्विन मास में मनाया जाता है। ठीक वैसे ही चैत्र नवरात्र का भी अपना अलग महत्व होता है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन से हिन्दू नव वर्ष कि गणना भी शुरू हो जाती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं चैत्र नवरात्रि का महत्त्व।
चैत्र नवरात्रि का ज्योतिष महत्व
चैत्र नवरात्र का बेहद खास ज्योतिष महत्त्व होता है। ये समय ऐसा होता है जब सूर्य राशि बदलते हैं। इन दिनों सूर्य सभी 12 राशियों का भ्रमण कर वापस मेष राशि में आते हैं। बता दें कि सूर्य और मंगल दोनों की राशि इन दिनों मेष होती है और मेष राशि का तत्व अग्नि है। इसीलिए इस समय से गर्मी के मौसम की शुरुआत हो जाती है। सर्दी के जाने और गर्मियों के आने का असर प्रकृति के साथ-साथ मानव जाती पर भी पड़ता है। वातावरण में नई ऊर्जा का संचार होता है। पेड़-पौधे पर नए फूल खिल आते हैं।
कब से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि
बता दें कि इस साल चैत्र माह के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 08 अप्रैल की रात को 11 बजकर 50 मिनट से होगी, जो 9 अप्रैल को रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल 2024 से होगी। इस दिन घट स्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
बता दें कि इस साल मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। हालांकि घोड़े पर आना बिलकुल भी शुभ नहीं होता है। मान्यताओं के अनुसार जब मां दुर्गा घोड़े पर आती है तब युद्ध जैसे हालात पैदा होते हैं।