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Datta Purnima: 18 दिसंबर को है दत्त पूर्णिमा, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Datta Purnima: इस पूर्णिमा पर जिन दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना की जाती है वो कोई और नहीं बल्कि त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अवतार माने जाते हैं। तीन सिर और छह भुजाओं वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी, देवी अनसूया से हुआ था। तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं दत्त पूर्णिमा पर क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली। कल यानी 18 दिसंबर को दत्त पूर्णिमा मनाई जाएगी। दत्त पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय पूर्णिमा या दत्ता पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है जो कि मार्गशीर्ष माहीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है। इस पूर्णिमा पर जिन दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना की जाती है वो कोई और नहीं बल्कि त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अवतार माने जाते हैं। तीन सिर और छह भुजाओं वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी, देवी अनसूया से हुआ था। तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं दत्त पूर्णिमा पर क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…

Datta Purnima

पूजा का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ- 18 दिसंबर, शनिवार सुबह 07.24 से
पूर्णिमा तिथि का समापन- 19 दिसंबर, रविवार सुबह 10.05 तक

ये हैं दत्त पूर्णिमा की पूजा विधि

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर सन्ना करें
अब इसके बाद अब आपको स्वच्छ वस्त्र धारण करने हैं।
इब जिस स्थान पर भगवान दत्तात्रेय की पूजा की जानी है उस स्थान पर चौकी बिछाएं और गंगाजल छिड़कर कर शुद्ध करें।
इसके बाद आपको भगवान दत्तात्रेय कि एक तस्वीर को वहां स्थापित करना है।
तस्वीर स्थापित करने के बाद भगवान दत्तात्रेय को फूल, माला अर्पित करनी चाहिए।
इस सब को करने के बाद आप भगवान दत्तात्रेय को विधिविधान से धूप और दीप दिखाएं।
आखिर में आरती करें और प्रसाद को सभी में वितरित करें।