नई दिल्ली। हिन्दू धर्म के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो इसे सबसे बड़ा दोष माना जाता है। इसका संबंध सीधे तौर विवाह से होता है। ज्योतिशास्त्रों की मानें, तो अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें स्थान पर स्थित होता है तो कहा जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष है। ऐसे व्यक्तियों का दाम्पत्य जीवन तनाव, बेचैनी, अप्रसन्नता और अलगाव की भावना भरा रहता है। ऐसे अधिकांश लोगों के पारिवारिक जीवन में असामंजस्यता बनी रहती है। ऐसे में कहा जाता है कि मांगलिक व्यक्ति को मांगलिक व्यक्ति से ही विवाह करना चाहिए अन्यथा वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मांगली की शादी गैर मांगलिक से कभी नहीं करनी चाहिए, नहीं तो इसके घातक परिणाम देखने को मिलते हैं।
जीवन में क्लेश और दुख तो बना ही रहता है साथ ही कई बार पति की मौत तक हो जाती है। जबकि मांगलिक का विवाह मांगलिक के साथ करने से दोनों के मांगलिक दोष अपने आप ही समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी मांगलिक दोष है और आपकी शादी में बाधा उत्पन्न हो रही है, तो आज हम आपकी इस समस्या का निवारण करने आए हैं।आपके मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष शास्त्र मूंगा रत्न धारण करने की सलाह देता है। कहा जाता है कि मूंगा धारण करने से मंगल दोष तो शांत होता ही है और मांगलिक व्यक्ति की शादी भी बहुत जल्द ही हो जाती है।
मूंगा धारण करने का तरीका
तांबे या फिर सोने की अंगूठी में मूंगा धारण करने से मांगलिक दोष से छुटकारा मिलता है। इसे धारण करने के लिए इसे सबसे पहले गंगाजल में धोकर स्वच्छ कर लें। इसके बाद मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने के बाद इसे अपनी तर्जनी या फिर अनामिका ऊंगुली में धारण कर लें।