नई दिल्ली। नौ ग्रहों में चन्द्रमा (Chandrama) काफी महत्वपूर्ण महत्त्व रखता है। जो व्यक्ति के मन और आयु पर गहरा असर डालता है। यह शुरुआती समय के विकास में सबसे ज्यादा असर डालता है। आयु (Age) के निर्धारण में इसकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। चन्द्रमा का कमजोर होना स्वास्थ्य, मन और आयु पर गहरा असर डालता है।
चन्द्रमा जल तत्व का स्वामी है। यह कुंडली के निचले इलाकों में काफी ज्यादा कमजोर होता है। तृतीय, षष्ठ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव चन्द्रमा के कमजोर स्थान हैं। इसमें भी अष्टम भाव में चन्द्रमा विशेष प्रतिकूल होता है। ऐसा होने पर व्यक्ति की आयु कम होती है। यह भी माना जाता है ऐसा चन्द्रमा मानसिक रोग, स्वास्थ्य की समस्यायें और माता को समस्याएं देता है।
अष्टम भाव गुप्त विद्या, अंतर्ज्ञान और रहस्य का माना जाता है। यह भाव शोध और अनुसंधान का भी है। चन्द्रमा इस भाव में इस तरह के गुण दे देता है। यह चन्द्रमा पूर्वजन्म के संस्कारों को भी बताता है। ऐसे लोग अच्छे ज्योतिषी, तांत्रिक या वैज्ञानिक होते हैं. यह चन्द्रमा कभी कभी गोपनीय धन भी प्रदान करता है।
ऐसे करें उपाए
किसी पवित्र स्थान से जल लाकर शयनकक्ष में रखें। नियमित रूप से भगवान शिव की उपासना करें। रोज सुबह और शाम 108 बार “नमः शिवाय” का जप करें। नशा और दूषित खान पान से दूर रहें।