Karthik Purnima 2020: जानें कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Karthik Purnima 2020: कार्तिक पूर्णिमा (Karthik Purnima) के दिन स्नान और दान को अधिक महत्व (Importance of Karthik Purnima) दिया जाता है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धूल जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है।

नई दिल्ली। कार्तिक पूर्णिमा (Karthik Purnima) के दिन स्नान और दान को अधिक महत्व (Importance of Karthik Purnima) दिया जाता है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धूल जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं। इस वर्ष 23 नवंबर 2020 (Karthik Purnima Date) को पड़ रही है और पंडितों के अनुसार इस दिन बहुत सुखद संयोग बन रहा है।

कार्तिक पूर्णिमा देवी-देवताओं के लिए खासतौर पर उत्सव का दिवस है इसीलिए इस दिन पर्व-त्योहारों पर हुई भूलों के लिए माफी तो मांगें ही साथ ही पूजन अर्चन कर देवी-देवताओं को इस दिन आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा शुक्रवार को है और शुक्रवार माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु के पूजन का दिवस भी होता है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा करें, संभव हो तो भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें और प्रसाद ग्रहण करें। सायंकाल में तुलसी पूजन अवश्य करें और जल में दीपदान करें इससे अभीष्ट लाभ होगा।

माता लक्ष्मी की विशेष कृपा पानी है तो इस दिन अपने घर के प्रवेश द्वार को उसी तरह सजाएँ जैसे दीपावली के दिन सजाते हैं। प्रवेश द्वार पर अच्छी रौशनी करें, साफ-सफाई करें, अशोक के पत्ते और गेंदे के फूलों से द्वार को सजाएं, प्रवेश द्वार के बाहर रंगोली बनाएं और द्वार की चौखट पर दीपक जलाएँ। शाम को भगवान को खीर, हलवा, मखाने और सिंघाड़े का भोग भी लगाएं। इस दिन दान का विशेष महत्व माना गया है। इस वर्ष का यह अंतिम स्नान पर्व है और अब अगला स्नान पर्व 2019 में 14 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ होगा।

कार्तिक पूर्णिमा 2020 में कब है?

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरा नाम के राक्षस का वध किया था। इसलिए इस पूर्णिमा को त्रिपुरा पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान और महाकार्ति की भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह पूर्णिमा बहुत ही फलदायी मानी जाती है।

Kartik Purnima in Lucknow

कार्तिक पूर्णिमा 2020 तिथि और शुभ मुहूर्त

30 नवंबर 2020

कार्तिक पूर्णिमा 2020 शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – रात 12 बजकर 47 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समाप्त – अगले दिन रात 02 बजकर 59 मिनट तक

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरा नाम के राक्षस को मारा था। जिसकी वजह से इस पूर्णिमा का एक नाम त्रिपुरी पूर्णिमा भी है। इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान को बहुत महत्व दिया जाता है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गंगा जी में डूबकी मारने से मनुष्य के सभी पाप धूल जाते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप दान का भी विशेष महत्व दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन दिया गया दान स्वर्ग में सुरक्षित रखा जाता है और मृत्यु के बाद इस दान के फल की प्राप्ति उसे स्वर्गलोक में होती है। इस दिन भगवान शिव के दर्शन करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ कार्तिक पूर्णिमा पर गाय का बछड़ा दान करने को भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि

1. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। भगवान कार्तिकेय को दक्षिण दिशा का स्वामी माना जाता है।

2.इस दिन साधक को किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

3.भगवान कार्तिकेय की पूजा से पहले एक साफ चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।

4. इसके बाद उन्हें पुष्प, घी और दही आदि अर्पित करके उनके मंत्र ‘देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥’ का जाप करें और उनकी विधिवत पूजा करें।

5. भगवान कार्तिकेय की कथा सुनें या पढ़ें और इसके बाद भगवान कार्तिकेय की धूप व दीप से आरती उतारें।भगवान कार्तिकेय की आरती उतारने के बाद उन्हें गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं।