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Vrat and Puja : यहां जानें व्रत और पूजा में क्यों नहीं होता लहसुन-प्याज का प्रयोग….

हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में लहसुन (Garlic) और प्याज (Onlion) का प्रयोग व्रत और पूजा (Vrat and Puja) में नहीं किया जाता है। इसका कारण हम आपको यहां बताएंगे।

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में लहसुन (Garlic) और प्याज (Onlion) का प्रयोग व्रत और पूजा (Vrat and Puja) में नहीं किया जाता है। लेकिन क्या अपने कभी सोचा है कि क्यों इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस सवाल का जवाब समुद्र मंथन की पौराणिक घटना (Mythological event of samudra manthan) में छिपा है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि समुद्र मंथन के समय ऐसा क्या हुआ था, जिसके कारण लहसुन और प्याज का प्रयोग पूजा तथा व्रत में प्रयोग नहीं किया जाता है।

समुद्र मंथन की पौराणिक घटना

श्रीहीन हो चुके स्वर्ग को खोई हुई वैभव-संपदा की प्राप्ति के लिए देव और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। समुद्र मंथन करने के दौरान लक्ष्मी के साथ कई रत्नों समेत अमृत कलश भी निकला था। अमृत पान के लिए देवताओं और असुरों में विवाद हुआ, तो भगवान विष्णु मोहिनी रुप धारण कर अमृत बांटने लगे। सबसे पहले अमृत पान की बारी देवताओं की थी, तो भगवान विष्णु क्रमश: देवताओं को अमृत पान कराने लगे। तभी एक राक्षस देवता का रूप धारण कर उनकी पंक्ति में खड़ा हो गया।

सूर्य देव और चंद्र देव उसे पहचान गए। उन्होंने विष्णु भगवान से उस राक्षस की सच्चाई बताई, तब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। उसने थोड़ा अमृत पान किया था, जो अभी उसके मुख में था। सिर कटने से खून और अमृत की कुछ बूंदें जमीन पर गिर गईं। उससे ही लहसुन और प्याज की उत्पत्ति हुई। जिस राक्षस का सिर और धड़ भगवान विष्णु ने काटा था, उसका सिर राहु और धड़ केतु के रूप में जाना जाने लगा।