
नई दिल्ली। नवरात्रि शब्द से ही समझा जा सकता है 9 दिन…इन नौ दिनों में मां दुर्गा जिन्हें शक्ति भी कहा जाता है उनके 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहला दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी, नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) की शुरुआत 22 मार्च 2023 से हुई है जो कि 30 मार्च तक रहेगी। आज मंगलवार, 28 मार्च को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा की जाएगी। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है मां की पूजा का महत्व, प्रिय भोग और मां का स्वरूप…
ऐसा है मां कालरात्रि का स्वरूप
मां कालरात्रि का स्वरूप काफी भयंकर है। मां रात की तरह काली हैं। तीन नेत्रों वाली मां के बाल बिखरे हुए हैं। गले में मां मुंड माला पहनती हैं। मां कालरात्रि की पूजा से भूत, पिशाच, प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। जो लोग किसी के वश में हैं तो मां की पूजा करना उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है। गर्दभ पर सवार चार भुजाओं वाली मां का एक हाथ वर मुद्रा में है तो वहीं, दूसरा हाथ अभय मुद्रा में है। मां के बाकी दोनों हाथों में लोहे का कांटा और लोहे की कटार है।
मां कालरात्रि की पूजा का ये है महत्व
नवरात्रि के सातवें दिन पूजी जाने वाली मां कालरात्रि, महायोगिनी, महायोगेश्वरी के नाम से भी जानी जाती हैं। मां की पूजा मात्र से व्यक्ति तंत्र-मंत्र, ग्रह बाधा, डर से राहत पाता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति किसी रोग यानी बीमारी से पीड़ित है तो वो भी दूर हो जाता है।
देवी कालरात्रि को प्रिय है ये भोग
मां कालरात्रि को लाल रंग की चीजें पसंद है ऐसे में आप मां को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाएं। मां को लाल रंग के ही फूल चढ़ाएं और जितना हो सके मां की पूजा में लाल रंग की ही चीजों का इस्तेमाल करें।