newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Uttarakhand: बाबा केदारनाथ के खुले कपाट, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, जानिए कब खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट

Uttarakhand: बाबा केदारनाथ मंदिर को करीब 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। सुबह केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी आवास से आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ जयकारों के साथ बाबा केदार की डोली को मंदिर परिसर की ओर लाया गया।

नई दिल्ली। हिंदू धर्म के अनुसार, चारधाम की यात्रा करने से मनुष्य का जन्म सफल हो जाता है। तीर्थस्थानों में सर्वश्रेष्ठ और पवित्र माने जाने वाले चारधामों में से एक बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज शुक्रवार को 6 बजकर 25 मिनट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोल दिए गए। हजारों की संख्या में बाबा के भक्तों ने सुबह पहुंचकर बाबा के दर्शन किए और जयकारे लगाए। मंदिर के कपाट रावल भीमा शंकर लिंग द्वारा पौराणिक परंपरा और विधि विधान से खोले गए। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी वहां मौजूद रहे। बाबा केदारनाथ मंदिर को करीब 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। सुबह केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी आवास से आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ जयकारों के साथ बाबा केदार की डोली को मंदिर परिसर की ओर लाया गया।

इस दौरान करीब 20 हजार श्रद्धालु वहां मौजूद रहे। मंदिर के कपाट खुलते ही पूरी केदारपुरी जय बाबा केदार के जयकारों से गूंज उठी। आज से यहां पर श्रद्धालुओं का आना भी शुरू हो गया है। केदारनाथ धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों की एक निश्चित संख्या तय की गई। सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, केदारनाथ में रोजाना 12 हजार श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। जबकि बद्रीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में 7 हजार और यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालु ही प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे।गौरतलब है कि गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही खोले जा चुके हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खोले जाएंगे। चारधाम यात्रा के लिए होने वाले रजिस्ट्रेशन फुल चल रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाबा के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होने वाले हैं।

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

चारधाम की यात्रा के रजिस्ट्रेशन के लिए आप उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा संचालित की जा रही पोर्टल https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यात्रियों को आराम और सुविधा प्रदान करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था, खान-पान और पार्किंग की पूरी व्यवस्था की है। इसके अलावा श्रद्धालुओं को आने से पहले राज्य के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश दिया गया है।