नई दिल्ली। हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में ग्रहों (planets) की बहुत मान्यता है। ज्योतिष (Jyotish) के अनुसार जब भी राहु (Rahu) का राशि परिवर्तन (Rashi Transit) होता है तब इसका प्रभाव सभी राशि के ऊपर अवश्य पड़ता है। छाया ग्रह राहु 23 सितंबर को मिथुन राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए 18 महीनों का समय लगाते हैं। शनि के बाद यह दूसरे ग्रह हैं जो राशि बदलने में इतना लंबा समय लेते हैं। राहु अन्य ग्रहों के विपरीत हमेशा उल्टी चाल में चलते हैं।
राहु एक ऐसे ग्रह हैं जो अचानक फल देते हैं। राहु के बारे में ज्योतिष शास्त्र में मत है कि राहु लोगों की बुद्धि भ्रमित करने वाले ग्रह हैं। राहु की वजह से व्यक्ति की बुद्धि सही ढ़ंग से काम नहीं करती है। वहीं इसके विपरीत यह भी कहा जाता है जिस जातक की कुंडली में राहु शुभ भाव में आकर बैठ जाते हैं उसको वह सभी प्रकार की सुख-सुविधा से संपन्न कर देते हैं। राहु के शुभ होने पर व्यक्ति को राजपाठ मिलता है।
ऐसे में यहां जानें राहु को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष उपाय-
घर को रखें साफ-सुथरा
घर के कुछ विशेष स्थानों में राहु का वास माना जाता है। यदि आपकी घर की दीवारों में दरार आ जाए, पलास्टर गिर जाए, दीवार टूट जाए या उसमें सीलन आ जाए तो उसे तुरंत ठीक कराना चाहिए। घर के बाथरूम को साफ रखना चाहिए। साथ ही घर का किचन साफ-सुथरा होना चाहिए।
भैरव उपासना
राहु-केतु से मिलने वाली पीड़ा को दूर करने के लिए भैरव उपासना से बड़ा कोई उपाय नहीं है। भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए उड़द की दाल या इससे निर्मित मिष्ठान, दूध-मेवा का भोग लगाएं। भगवान भैरव को चमेली का पुष्प अतिप्रिय है, इसलिए भैरव को मनाने के लिए, उनकी कृपा पाने के लिए इस पुष्प का विशेष रूप से प्रयोग करें।
दान आदि से करें राहु को प्रसन्न
अगर आप राहु से संबंधित व्यक्ति जैसे कुष्ठ रोगी, निर्धन व्यक्ति, सफाई कर्मचारी आदि को भोजन आदि देकर प्रसन्न करते हैं तो आपको राहु की कृपा अवश्य मिलेगी। राहु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए किसी जरूरतमंद को कपड़े का दान करना चाहिए और नारियल, उड़द दाल आदि का दान करने से केतु ग्रह की शांति होती है।