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Angarki Chaturthi 2022: आज है अंगारकी चतुर्थी, क्या है इसका शुभ मुहूर्त और मान्यता?

Angarki Chaturthi 2022: इस पर्व पर भगवान गणेश की पूरी विधि-विधान से पूजा करने से और व्रत रखने से साल भर की चतुर्थी तिथि का फल प्राप्त हो जाता है साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गणेशजी का स्वरूप चार मस्तक और चार भुजाओं वाला होता है।

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में पूरे साल मनाए जाने वाले तमाम व्रत और त्योहारों में से एक व्रत आज पड़ रहा है। आज भगवान गणेश को समर्पित ‘अंगारक चतुर्थी’ का त्योहार है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंगारक चतुर्थी का संयोग तब बनता है, जब मंगलवार के दिन चतुर्थी तिथि पड़ती है। इसे काफी शुभ और फलदायी माना जाता है। भारतीय परंपराओं के अनुसार, चंद्र मास में चतुर्थी दो बार पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म चतुर्थी तिथि को ही हुआ था। अमावस्या के बाद पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। लेकिन अगर यही चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ जाए तो उसे ‘अंगारकी चतुर्थी’ कहते हैं। इस बार अंगारकी चतुर्थी वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को लग रही है, जो 19 अप्रैल 2022 को मनाया जाएगा। अंगारकी चतुर्थी को ‘संकष्टी चतुर्थी’ के नाम से भी जाना जाता है।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 19 अप्रैल को शाम 04 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 20 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 52 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस व्रत में चंद्र दर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही इस व्रत को खोला जाता है। इस पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 19 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है।

क्या है मान्यता?
इस पर्व पर भगवान गणेश की पूरी विधि-विधान से पूजा करने से और व्रत रखने से साल भर की चतुर्थी तिथि का फल प्राप्त हो जाता है साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गणेशजी का स्वरूप चार मस्तक और चार भुजाओं वाला होता है। गणेश जी के इस स्वरूप को ‘संकटमोचन’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन के बारे में कथा प्रचलित है कि अंगारक अर्थात मंगलदेव ने गणेशजी की कठिन तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर गणेश भगवान ने उन्हें वरदान दिया था कि मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी तिथि ‘अंगारकी गणेश चतुर्थी’ के नाम से जानी जाएगी।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।