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Akshaya Tritiya 2022: कब मनाई जाएगी अक्षय तृतीया? जानिए क्या है इसका महत्व?

Akshaya Tritiya 2022: ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले जप, तप, ज्ञान, स्नान, दान, होम आदि अक्षय बने रहते हैं, यही कारण है कि इसे अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है, कुछ ज्योतिष विद्वान इसे अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं।

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले तमाम पर्व और त्योहार में  अक्षय तृतीया को भी काफी शुभ पर्व माना जाता है। इस बार अक्षय तृतीया 3 मई को पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन परशुराम जी का जन्म हुआ था, इसलिए परशुराम जयंती भी इसी दिन भी मनाई जाती है। इस बार मंगलवार को पड़ने वाली तृतीया तिथि का ये पर्व शोभन, मातंग और लक्ष्मी योग में मनाया जाएगा, साथ ही इस दिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बनेगा जो काफी शुभ रहेगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन से सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले जप, तप, ज्ञान, स्नान, दान, होम आदि अक्षय बने रहते हैं, यही कारण है कि इसे अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है, कुछ ज्योतिष विद्वान इसे अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। इस दिन भगवान परशुराम की जयंती होने की वजह से इसे परशुराम तीज भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नर और नारायण के रूप में अवतार लिया था।

अक्षय तृतीया पितर दान के लिए भी काफी शुभ मानी जाती है। इस दिन तिल के साथ कुश के जल से पितरों को जलदान करने से उन्हें अनंत काल तक तृप्ति की प्राप्ति होती है। गौरी व्रत की शुरुआत भी इसी तिथि से हो जाती है। इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है साथ ही व्रती की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। अक्षय तृतीया के दिन गंगास्नान काफी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया पर किया गया तीर्थ स्नान जाने-अनजाने में हुए प्रत्येक पाप से मुक्ति दिला देता है। इसलिए इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान करने की परंपरा है। इसे दिव्य स्नान के नाम से भी जाता है। तीर्थ स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के बाद अन्न और जलदान का संकल्प लेकर किसी जरुरतमंद को दान करें, ऐसा करने से कई यज्ञ और कठिन तपस्या करने जितने पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

अक्षय तृतीया के दिन घड़ी, कलश, पंखा, छाता, चावल, दाल, घी, चीनी, फल, वस्त्र, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा और के साथ दक्षिणा देने से पुण्य मिलता है। ये दान किसी धर्मस्थान पर या ब्राह्मणों को दिया जा सकता है। अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होने की वजह से नया घर बनाने की शुरुआत, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा जैसे शुभ कार्यों के लिए भी ये दिन काफी खास माना जाता है।