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2000 Rupees Notes: अब 2 हजार के नोट नहीं छपेंगे, RBI का बड़ा फैसला

2 हजार रुपए के नोट को लेकर आरबीआई की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल, आरबीआई ने फैसला किया है कि अब 2 हजार रुपए के नए नोट नहीं छापे जाने का फैसला किया है। इसके अलावा आपके पास जो 2 हजार के नोट आपके पास हैं, उससे आप आर्थिक लेन देन कर सकेंगे।

नई दिल्ली। 2 हजार रुपए के नोट को लेकर आरबीआई की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल, आरबीआई ने फैसला किया है कि अब 2 हजार रुपए के नए नोट नहीं छापे जाएंगे। इसके अलावा आपके पास जो 2 हजार के नोट हैं, उससे आप आर्थिक लेन देन कर सकेंगे। बाजार में 2 हजार रुपए के मौजूदा नोट पूरी तरह से वैध हैं। उसमें किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है,  सिर्फ आरबीआई ने आगे 2 हजार का कोई दूसरा नोट नहीं छापने का फैसला किया है। ऐसा करके सरकार बाजार से 2 हजार रुपए के नोट की विदाई करने की योजना बना रही है।

बता दें क कि आरबीआई ने इस संदर्भ में बाकायदा अधिसूचना भी जारी की है। वहीं, आपके पास जो मौजूदा 2 हजार का नोट है, उसे आप आगामी 30 सितंबर तक बैंक में जमा कराकर उसके एवज में दूसरा नोट प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे कि ‘क्लीन नोट पॉलिसी’  के तहत सरकार की तरफ से यह फैसला किया गया है। नोटबंदी के बाद पहली बार सरकार ने कोई ऐसा फैसला लिया है, जिससे व्यापक स्तर पर आम जनता आर्थिक मोर्चे पर प्रभावित होगी। वहीं, माना जा रहा है कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की तरफ से नए 2 हजार के नोट नहीं छापने का फैसला किया है।

लंबे समय से नहीं हो रही 2 हजार के नोट की छपाई

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से 2 हजार रुपए के नोट की छपाई नहीं हो रही है। वहीं, एटीएम से तो पिछले कई दिनों से ही 2 हजार के नोटों की निकासी खत्म हो चुकी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं। इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन कम हुआ है।

2016 में हुई थी नोटबंदी 

वहीं, काले धन पर अंकुश लगाने के ध्येय से केंद्र की मोदी सरकार ने 8 नंवबर 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था। इस नोटबंदी के तहत 500 और 1000 के नोट को आर्थिक लेन देन से बाहर कर दिया गया था। वहीं, इसकी जगह पर  500 और 2 हजार के नए नोट बाजार में लाए गए थे। वहीं नोटबंदी को लेकर विपक्ष की ओर से केंद्र पर जमकर बोला गया था और इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया गया था, लेकिन इसके बाद हुए आम चुनाव में बीजेपी ने भारी मतों से जीत हासिल की थी, जो कि यकीनन इस बात का जीवंत प्रमाण था कि लोगों में नोटबंदी को लेकर आक्रोश नहीं था।