नई दिल्ली। पहले इनकम टैक्स और अब जीएसटी। क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार अब ये फैसला लेने जा रही है। मोदी सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी की आय पर बजट में इनकम टैक्स लगाने का एलान किया था। अब इसकी खरीद-बिक्री पर जीएसटी भी लिए जाने की तैयारी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी का वर्गीकरण हो रहा है और इस पर जीएसटी लगाई जाएगी। केंद्र सरकार का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का जुआ है। जिस तरह जुआ और घुड़दौड़ पर दांव लगाकर कमाई करने पर जीएसटी लगती है, उसी तरह अब क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने का फैसला जल्द होने वाला है। बता दें कि ऑनलाइन जुआ और घुड़दौड़ से इनकम पर 28 फीसदी जीएसटी ली जाती है। ऐसे में अब क्रिप्टो पर भी इतना ही जीएसटी लगने के आसार हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले अपने इस साल के बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फायदे पर 30 फीसदी इनकम टैक्स लगाने का एलान किया था। इसके अलावा क्रिप्टो के लेन-देन और गिफ्ट देने पर भी टीडीएस लगाने का फैसला करने की बात कही थी। इसके बाद क्रिप्टो मार्केट कुछ दिनों के लिए धराशायी भी हो गया था। अब माना जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी की खरीद को हतोत्साहित करने के लिए ही जीएसटी का भी फैसला किया जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी और रिजर्व बैंक लगातार क्रिप्टोकरेंसी के बारे में अपनी आशंकाएं जता चुके हैं। मोदी ने दुनिया के कुछ नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी कौन खरीदता है और कहां बेचता है, इसकी जानकारी न मिलने से टेरर फंडिंग में इसका इस्तेमाल होने की आशंका है। वहीं, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर बैन की मांग की थी। दास ने कहा था कि क्रिप्टो की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा खतरा है। बता दें कि नए बजट में रिजर्व बैंक की ओर से डिजिटल करेंसी लाए जाने की बात कही गई है।