नई दिल्ली। अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी Hindenburg की रिपोर्ट आते ही आज शेयर बाजार में भूचाल आ गया। मार्केट में बिकवाली का दौर शुरु हो गया और महज कुछ पलों में कई शेयर सैकड़ों प्वाइंट नीचे लुढ़क गये। गिरवाट दर्ज करने वाली कंपनियों की लिस्ट में अडानी ग्रुप की कई कंपनियां शुमार रहीं। देश के सबसे बड़े बिजनेस समूह की कई कंपनियां 5 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क गईं। हालांकि अडानी समूह ने Hindenburg की रिपोर्ट का पुरजोर खंडन करते हुए इस निराधार, दुर्भावनापूर्ण बताया और साथ ही आत्महित से प्रेरित बताया। 88 सवालों की लंबी सूची जारी करते हुए अमेरिकी कंपनी ने अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेरफेर और अकांटिंग में धोखाधड़ी का आरोप लगाया और साथ ही बताया कि दो साल की तफ्तीश में उसने ये गड़बडियां पाई हैं।
वही, अडानी ग्रुप ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट समूह के आगामी FPO को नुकसान पहुंचाने के मकसद से लाई गई है। Adani Enterprises का FPO महज ही कुछ दिनों में आने वाला है और यह भारत का सबसे बड़ा FPO है। हालांकि, इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच मोदी विरोधी समूह ट्वीटर पर एक्टिव हो गये है और यह मांग उठा रहे हैं कि इस रिपोर्ट पर TV debate किया जाये।
अमेरिकी कंपनी #Hindenburg की रिपोर्ट पर #AdaniGroup का पलटवार, बताया FPO को नुकसान पहुंचाने की साजिश pic.twitter.com/gjZrVYpHTY
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) January 25, 2023
मांग उठाने वालों में प्रोपेगेंडा फैलानी वाली पत्रकार राणा आयूब, तेलंगाना मुख्यमंत्री के बेटे एनटी रामा राव शामिल हैं। रामा राव ने तो CBI, ED और SEBI को चैलेंज भी किया कि वो अडानी ग्रुप की जांच करें।
Want to see if this will be discussed on prime time debate’s tonight #Adani https://t.co/WHagNQ6hzw
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) January 25, 2023
ED, CBI, IT & SEBI; Hain Dum probe Karne Ka???
I am sure NO mainstream National media will report/discuss this & even Social Media platforms will be coerced by NPA Govt into removing the report #NewIndia https://t.co/qpyBPsob5t
— KTR (@KTRBRS) January 25, 2023
गौरतलब है कि मोदी सरकार का विरोध करने की जुगत में देश के कई नेता विदेशी टूलकिट या प्रौपगैंडा का भी सहारा लेने से नहीं चूकते। हाल ही में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर मचे बवाल के बीच कांग्रेस और टीएमसी के शीर्ष नेताओं ने खुलकर इसका समर्थन किया और साथ ही लोगों से अपील भी कि वो इसे जरुर देखें। बता दें कि ब्रिटेन सरकार द्वारा संचालित BBC खुद कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है और उसपर एकतरफा रिपोर्टिंग का आरोप लग चुका है।