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Hindenburg Report on Adani: Hindenburg-अडानी समूह में आरोप-प्रत्यारोप के बीच ‘मोदी विरोधी’ हुए एक्टिव, कर रहे TV डिबेट की मांग

Hindenburg Report on Adani: वही, अडानी ग्रुप ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट समूह के आगामी FPO को नुकसान पहुंचाने के मकसद से लाई गई है। Adani Enterprises का FPO महज ही कुछ दिनों में आने वाला है और यह भारत का सबसे बड़ा FPO है। हालांकि, इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच मोदी विरोधी समूह ट्वीटर पर एक्टिव हो गये है और यह मांग उठा रहे हैं कि इस रिपोर्ट पर TV debate किया जाये।

नई दिल्ली। अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी Hindenburg की रिपोर्ट आते ही आज शेयर बाजार में भूचाल आ गया। मार्केट में बिकवाली का दौर शुरु हो गया और महज कुछ पलों में कई शेयर सैकड़ों प्वाइंट नीचे लुढ़क गये। गिरवाट दर्ज करने वाली कंपनियों की लिस्ट में अडानी ग्रुप की कई कंपनियां शुमार रहीं। देश के सबसे बड़े बिजनेस समूह की कई कंपनियां 5 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क गईं। हालांकि अडानी समूह ने Hindenburg की रिपोर्ट का पुरजोर खंडन करते हुए इस निराधार, दुर्भावनापूर्ण बताया और साथ ही आत्महित से प्रेरित बताया। 88 सवालों की लंबी सूची जारी करते हुए अमेरिकी कंपनी ने अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेरफेर और अकांटिंग में धोखाधड़ी का आरोप लगाया और साथ ही बताया कि दो साल की तफ्तीश में उसने ये गड़बडियां पाई हैं।

Gautam Adani

वही, अडानी ग्रुप ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट समूह के आगामी FPO को नुकसान पहुंचाने के मकसद से लाई गई है। Adani Enterprises का FPO महज ही कुछ दिनों में आने वाला है और यह भारत का सबसे बड़ा FPO है। हालांकि, इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच मोदी विरोधी समूह ट्वीटर पर एक्टिव हो गये है और यह मांग उठा रहे हैं कि इस रिपोर्ट पर TV debate किया जाये।

मांग उठाने वालों में प्रोपेगेंडा फैलानी वाली पत्रकार राणा आयूब, तेलंगाना मुख्यमंत्री के बेटे एनटी रामा राव शामिल हैं। रामा राव ने तो CBI, ED और SEBI को चैलेंज भी किया कि वो अडानी ग्रुप की जांच करें।


गौरतलब है कि मोदी सरकार का विरोध करने की जुगत में देश के कई नेता विदेशी टूलकिट या प्रौपगैंडा का भी सहारा लेने से नहीं चूकते। हाल ही में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर मचे बवाल के बीच कांग्रेस और टीएमसी के शीर्ष नेताओं ने खुलकर इसका समर्थन किया और साथ ही लोगों से अपील भी कि वो इसे जरुर देखें। बता दें कि ब्रिटेन सरकार द्वारा संचालित BBC खुद कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है और उसपर एकतरफा रिपोर्टिंग का आरोप लग चुका है।