नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह के आरक्षण पर दिए गए बयान के फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने अब झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, नगालैंड कांग्रेस अध्यक्ष ख्रिदी थेउनिओ और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका को नोटिस भेजकर तलब किया है। इन सभी को अपने मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। झारखंड कांग्रेस का एक्स हैंडल भी बंद करा दिया गया है।
वहीं, खबर ये भी है कि अमित शाह के फेक वीडियो मामले में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के जवाब से दिल्ली पुलिस संतुष्ट नहीं है। रेवंत रेड्डी की तरफ से वकील सौम्या गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली पुलिस की यूनिट के सामने पेश होकर जवाब दाखिल किया था। रेवंत रेड्डी ने अपने जवाब में तेलंगाना कांग्रेस के एक्स हैंडल से अपना सरोकार न होने की बात कही है। रेवंत रेड्डी के मुताबिक तेलंगाना कांग्रेस के जिस एक्स हैंडल से अमित शाह का फेक वीडियो वायरल किया गया, वो उनका नहीं है। रेवंत रेड्डी ने ये भी बताया है कि उनको नहीं पता कि तेलंगाना कांग्रेस का एक्स हैंडल कौन चलाता है। रेवंत रेड्डी ने ये भी कहा है कि किस मोबाइल से अमित शाह का फेक वीडियो शेयर किया गया, उसका भी उनको पता नहीं है। रेवंत रेड्डी ने कहा है कि उन्होंने वीडियो शेयर नहीं किया। बता दें कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना के सीएम के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी हैं। इसी वजह से पुलिस उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है।
दरअसल, एक जनसभा में अमित शाह ने कहा था कि अगर सरकार बनी, तो बीजेपी मुस्लिमों का आरक्षण हटाकर उसे ओबीसी, दलित और आदिवासियों को देगी। इस बयान का वीडियो इस तरह कांट-छांटकर वायरल किया गया, जिससे लग रहा था कि अमित शाह ने आरक्षण ही खत्म करने की बात कही है। देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया। कांग्रेस के तमाम हैंडल से इसे आगे बढ़ाया गया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने तेजी से जांच को बढ़ाया है और कई राज्यों में अपनी टीम भेजी है। इस मामले में गुजरात से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और असम से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।