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Inflation Imminent: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लग सकती है आग, कच्चा तेल 90 डॉलर के पार

यूएई और सऊदी अरब पर हूथी विद्रोहियों के हमले और रूस-यूक्रेन के बीच तनाव का खामियाजा जल्दी ही आपको और हमें भुगतना पड़ सकता है। मसला कच्चे तेल का है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो जगह तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 90 डॉलर के स्तर तक पहुंच गई है।

नई दिल्ली। यूएई और सऊदी अरब पर हूथी विद्रोहियों के हमले और रूस-यूक्रेन के बीच तनाव का खामियाजा जल्दी ही आपको और हमें भुगतना पड़ सकता है। मसला कच्चे तेल का है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो जगह तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमत में 30 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है और ये अब प्रति बैरल 90 डॉलर के स्तर तक पहुंच गया है। आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर के पार जा सकती है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा होना तय है। माना जा रहा है कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद भी कच्चे तेल की कीमत कम न हुई, तो सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी करेंगी।

petrol diesel price

भारत अपनी जरूरत का करीब 84 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत बढ़ने का असर पेट्रोल और डीजल पर पड़ता है। करीब ढाई महीने से पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं। इससे पहले लगातार बेतहाशा दाम बढ़ने से मचे हो-हल्ले के बाद मोदी सरकार ने पिछले साल दिवाली से एक दिन पहले 3 नवंबर को पेट्रोल और डीजल प एक्साइज ड्यूटी में 10 और 5 रुपए की कमी की थी। कमी से पहले पेट्रोल की एक लीटर की कीमत 100 रुपए हो गई थी और डीजल भी इसी स्तर के करीब पहुंच चुका था।

Petrol diesel price

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले साल 4 नवंबर के बाद से अब तक बढ़त नहीं हुई है। अब कच्चे तेल की कीमतों में हुए भयानक इजाफे से मोदी सरकार को इस वित्तीय वर्ष के बचे 3 महीनों में 45000 करोड़ का नुकसान हो सकता है। चुनाव भी सिर पर हैं। इस वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमत भी सरकार नहीं बढ़ा पा रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि 7 मार्च को चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में काफी इजाफा हो सकता है। यानी महंगाई की मार के लिए हम सभी को अभी से तैयारी कर लेनी चाहिए।