नई दिल्ली। आरबीआई ने अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी है कि अब 2 हजार के नोट आगामी 7 अक्टूबर तक बैंक से बदलवाए जा सकेंगे। पहले यह तारीख 30 सितंबर थी, लेकिन अभी-भी बड़ी संख्या में लोगों ने नोट बैंक से नहीं बदलाए हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने उक्त फैसला किया है। बता दें कि 19 मई को आरबीआई ने सर्कुलर जारी कर 2 हजार रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर किए जाने की जानकारी सार्वजनिक की थी। मिली जानकारी के मुताबिक, 19 मई 2023 तक कुल 3.56 लाख करोड़ रुपए मूल्य (वैल्यू) के ₹2000 के नोट प्रचलन में थे। जिसमें से 29 सितंबर तक ₹3.42 लाख करोड़ वैल्यू के नोट वापस आ चुके हैं। हालांकि, अभी-भी 14 लाख करोड़ की वेल्यू वाले नोट बाजार में हैं।
As the period specified for the withdrawal process has come to an end, and based on a review, it has been decided to extend the current arrangement for the deposit/exchange of Rs 2000 banknotes until October 07, 2023: Reserve Bank of India pic.twitter.com/ovDz0aCjrm
— ANI (@ANI) September 30, 2023
सनद रहे कि बीते 2016 में आरबीआई ने अधिसूचना जारी कर 1, 000 और 500 के नोट को आर्थिक लेन-देन से बाहर किए जाने की जानकारी दी थी, जिसके बाद सरकार की ओर से 1 हजार के नोट को आर्थिक लेन-देन से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद 2 हजार के नोट को आर्थिक लेन-देन में शामिल किया गया, जिसका कई लोगों ने विरोध भी किया था, लेकिन सरकार का दावा था कि इससे काले धन पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
RBI extends date for withdrawal drive of Rs 2,000 notes till October 7; says public can deposit or exchange banknotes till that date
— Press Trust of India (@PTI_News) September 30, 2023
हालांकि, नोटबंदी का फैसला भी सरकार ने कालेधन पर अंकुश लगाने के मकसद से किया था, लेकिन आज तक सरकार इस बात की जानकारी सार्वजनिक नहीं कर पाई कि आखिर इस फैसले से कितना कालाधन बाहर हो पाया है, जिसे लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर रहती है।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्षियों ने एकजुट होकर मोदी सरकार को इस मुद्दे पर घेरा था, लेकिन चुनावी नतीजों ने सरकार का ही साथ दिया। उधर, जब गत मई माह में सरकार ने 2 हजार के नोट को प्रचलन से बाहर करने का फैसला किया था, तो कई सियासी नुमाइंदों ने विरोध दर्ज कराया था, लेकिन अफसोस इन विरोधी स्वरों ने जमीन पर उतरने से पहले दम तोड़ दिया। बहरहाल, अब आगामी दिनों में आर्थिक मोर्चे पर सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।