नई दिल्ली। गेमिंग यूनिकॉर्न एमपीएल के कर्मचारियों पर गाज गिरी है। दरअसल, कंपनी ने 100 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी सूचना दी है। छंटनी किए गए कर्मचारी संपूर्ण कंपनी का 10 फीसद प्रतिनिधित्व करते थे। इसके अलावा अब कंपनी ने अपनी आर्थिक दुश्वारियों को ध्यान में रखते हुए इंडोनेशिया के बाजार से खुद को बाहर करने का प्लान बनाया है। कंपनी ने अपनी स्ट्रिमिंग सेवा बंद करने का भी ऐलान किया है। वहीं, कंपनी ने अपने कार्यरत कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य लाभ में से भी कटौती करने का ऐलान किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एमपीएल के सह-संस्थापक साई श्रीनिवास और शुभ मल्होत्रा ने कर्मचारियों से कहा कि पिछले आर्थिक रूप से दुभर रहे हैं। एक वक्त के बाद विकास की दिशा भी उलट जाती है। बाजार अब हर कीमत पर ग्राहक को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है। कंपनी ने अपने द्वारा जारी बयान में कहा कि अगर समय रहते हमने अपनी आर्थिक स्थिति को दुरूस्त करने के मकसद से कोई कदम नहीं उठाया तो आगामी दिनों में स्थिति दुभर हो सकती है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में स्थिति कैसे दुरूस्त होगी। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि कंपनी ने 150 मिलियन डॉलर जुटाने के बाद कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है।
ऐसे में व्यापार जगत से जुड़े लोगों को यह बात समझ नहीं आ रही है। बता दें कि हाल ही में एमपीएल ने मेहेम स्टूडियोज़ के लॉन्च और अमेरिका और यूरोप के बाजारों में प्रवेश के साथ गेम पब्लिशिंग में कदम रखा। हालांकि, कोविड काल के दौरान इस कंपनी को आर्थिक मोर्चे पर कमोबेश लाभ मिला था, क्योंकि घर बैठे लोगों ने गेम डाउनलोड किए थे। बहरहाल, अब कंपनी की ओर से आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।