न्यूयॉर्क। क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया आजकल गुलजार है। बिटकॉइन से लेकर हर तरह की क्रिप्टोकरेंसी तेज रफ्तार में भाग रही है। इस वजह से ऐसी करेंसी पर हैकर्स ने भी नजरें गड़ा दी हैं। हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करने वाली कंपनी पॉली नेटवर्क के सिस्टम को हैक कर 613 मिलियन डॉलर यानी 44 अरब रुपए से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी चोरी कर ली। हालांकि, बाद में इन हैकर्स ने इसमें से एक-तिहाई से ज्यादा यानी करीब 260 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी वापस भी कर दी।
पॉली नेटवर्क के मुताबिक हैकर्स के पास अब भी 353 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी है। उसने हैकर्स से यह क्रिप्टोकरेंसी भी वापस करने या कानून का सामना करने को कहा है। एक हैकर ने करेंसी लौटाते हुए कंपनी को लिखा है कि उसने मजा लेने के लिए ऐसा किया और दिखाना चाहा कि ब्लॉकचेन के जरिए करेंसी को इधर से उधर लाने और ले जाने में भी कितना खतरा है।
उसने लिखा है कि हम तो चाहते थे कि एक बार क्रिप्टो की चोरी कर आपको बता दें कि किस तरह आपका सिस्टम किसी के भी जरिए हैक किया जा सकता है। हमने कभी भी चोरी का माल अपने पास रखने के बारे में नहीं सोचा। उसने लिखा कि वह पैसा नहीं चाहता है। अब तक इन हैकर्स की पहचान नहीं हो सकी है। एलिप्टक नाम की कंपनी के को-फाउंडर टॉम रॉबिन्सन का कहना है कि चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी को हैकर्स ने इस वजह से वापस कर दिया, क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में करेंसी को वे भुना नहीं सकते थे।
वहीं, क्रिप्टोकरेंसी में डीलिंग करने वाली कंपनी टेथर ने कहा कि कंपनी ने 33 मिलियन डॉलर के बराबर की करेंसी को सीज कर दिया है और इन्हें भुनाया नहीं जा सकता। बता दें कि इससे पहले 2018 में टोक्यो स्थित कॉइनचेक एक्सचेंज से 530 मिलियन की क्रिप्टोकरेंसी चुराई गई थी। जबकि, 2014 में टोक्यो का ही माउंट गॉक्स एक्सचेंज 1 अरब के बिटकॉइन चुराए जाने के बाद दिवालिया होकर बंद हो गया था।