मुंबई। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले तमाम तरीके इस्तेमाल करते हैं। कभी किसी को डिजिटली अरेस्ट किया जाता है। कभी ट्राई के नाम, तो कभी बैंकों का नाम लेकर ऑनलाइन केवाईसी बताकर लोगों का बैंक खाता ये फ्रॉड खाली कर देते हैं। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने बैंकिंग का नाम लेकर लोगों से फ्रॉड करने वालों से बचाने के लिए नया प्लान बनाया है। आरबीआई ने बैंको के लिए खास फोन नंबर का सीरिज लॉन्च किया है। 1600 नंबर से शुरू होने वाली सीरीज का ही इस्तेमाल अब बैंक करेंगे। ताकि उनके नाम से किसी भी तरह का फ्रॉड कोई कर न सके। ये नंबर लेन-देन की जानकारी के लिए इस्तेमाल होगा। वहीं, 140 से शुरू होने वाले नंबर से बैंक प्रमोशन या कॉल कर सकेंगे। इस व्यवस्था को हर हाल में 31 मार्च 2025 तक लागू करना होगा।
वित्तीय वर्ष 2020 में बैंकिंग फ्रॉड के जरिए धोखाधड़ी करने वालों ने आम लोगों को 185468 रुपए का चूना लगाया था। जबकि, 2021 में लोगों को बैंक का नाम लेकर फ्रॉड करने वालों ने 132389 रुपए का फटका लगाया। 2022 में बैंकिंग फ्रॉड से लोगों के 45458 रुपए ठग लिए गए। वहीं, 2023 में 26127 रुपए का फ्रॉड किया गया। ऐसे में आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए अलग मोबाइल नंबर की सीरीज लाने का ही फैसला किया। आम लोगों को इससे सुविधा होगी और वे असल बैंक और फ्रॉड की तरफ से किए जाने वाले कॉल की आसानी से पहचान कर सकेंगे। आरबीआई के मुताबिक डिजिटल लेन-देन मे बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में ओटीपी, अलर्ट और अकाउंट अपडेट से लोगों के मोबाइल नंबर लेकर फ्रॉड किए जाते हैं।
हालांकि, बैंकों का नाम लेकर फ्रॉड करने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। 2020 में ऐसे 8703 मामले हुए थे। जबकि, 2024-2025 में बैंकिंग के नाम से फ्रॉड की 36073 घटनाएं हुई हैं। जबकि, 2021 में ये संख्या 7338 और 2022 में 9046 थीं। 2023-24 में बैंक का नाम लेकर धोखाधड़ी की 13564 घटनाएं हुईं। नई सीरीज के नंबर आने से बैंकों और वित्तीय संस्थानों का नाम लेकर चूना लगाने की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने की संभावना है। वहीं, केंद्र सरकार भी ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों पर शिकंजा कस रही है। इसके तहत शिकायत कर फ्रॉड के जरिए गंवाई गई धनराशि को ठग तक पहुंचने से रोका जा सकता है।