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US Fed Rates Hiked: एक बार फिर आपकी ईएमआई बढ़ने का खतरा, अमेरिका के इस कदम से मुद्रा बाजार में हड़कंप के आसार
एक बार फिर आपको बड़ा झटका लग सकता है। वजह फिर अमेरिका बना है। अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी की। ये बढ़ोतरी चौथाई अंक की हुई है। इससे दुनिया का मौद्रिक बाजार उथलपुथल देख सकता है। महंगाई बढ़ सकती है। महंगाई बढ़ी, तो आपके कर्ज की ईएमआई भी बढ़ना तय है।
वॉशिंगटन। एक बार फिर आपको बड़ा झटका लग सकता है। वजह अमेरिका बना है। अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी की। ये बढ़ोतरी चौथाई अंक की हुई है। इससे दुनिया का मौद्रिक बाजार उथलपुथल देख सकता है। महंगाई बढ़ सकती है। नतीजे में अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने ब्याज दरों को पिछली बार की तरह बढ़ाया, तो आपको अपने कर्ज के लिए और ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी। फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 0.25 अंक बढ़ोतरी होने से ये अब 4.75 हो गई है। फेडरल रिजर्व ने ये संकेत भी दिया है कि आगे भी दर बढ़ाई जा सकती है। फेडरल रिजर्व के कदम से मंदी का खतरा और बढ़ा है।
मीडिया से बात करते अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल।
दो दिन की बैठक के बाद फेडरल रिजर्व ने बताया कि महंगाई कम जरूर हुई है, लेकिन अब भी ये काफी ज्यादा है। फेडरल रिजर्व के अफसरों ने कहा कि लक्ष्य के तहत ब्याज दरों को बढ़ाया जाना जरूरी है। पिछले कई महीनों में फेडरल रिजर्व ने प्रमुख ब्याज दर में इजाफा किया था। पिछले साल लगातार तीन तिमाही में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। ये बढ़ोतरी आधे यानी 0.50 अंकों की हुई थी। फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल ने मीडिया से कहा कि हमारा ध्यान छोटे की जगह व्यापक वित्तीय कदमों पर है। हम प्रतिबंध जैसे हालात की नीति पर नहीं चल रहे। ऐसे में हम बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं।
बता दें कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 15 दिसंबर 2022 को ही प्रमुख ब्याज दरों में 0.50 अंक की बढ़ोतरी की थी। माना जा रहा है कि इस साल यानी 2023 के अंत तक ब्याज दरों में फेडरल रिजर्व 0.75 अंक की बढ़ोतरी कर सकता है। फेडरल रिजर्व के इस कदम से दुनियाभर में मौद्रिक बाजार पर निश्चित असर पड़ेगा। डॉलर की कीमत ज्यादा होने से आयात के लिए काफी पैसा अन्य देशों को खर्च करना होगा। इससे विदेशी मुद्रा भंडार भी गिर सकता है। देखना ये है कि रिजर्व बैंक इस बढ़ोतरी के असर से निपटने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी कर कर्जदारों को झटका देता है या फिलहाल कदम न उठाकर राहत देने की राह पर चलता है।