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Clean Note Policy: क्या है क्लीन नोट पॉलिसी? जिसके तहत सरकार ने लिया 2 हजार का नोट ना छापने का फैसला

Clean note policy: आम जनता को अच्छी गुणवत्ता के नोट उपलब्ध कराने के ध्येय से सरकार साल 1988 में क्लीन नॉट पॉलिसी लेकर आई थी। जाली नोटों के चलन पर अंकुश लगाना भी इस पॉलिसी का मकसद था। वहीं सरकार के इस कदम का सकारात्मक असर भी पड़ा था।

नई दिल्ली।  2 हजार रुपए का नोट अब आरबीआई नहीं छापेगी। इस फैसले के बाद लोगों की ओर से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। कुछेक को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश ने इसका समर्थन ही किया है। आरबीआई की तरफ बाकायदा इस संदर्भ में विस्तृत अधिसूचना भी जारी की गई है। जिसमें विस्तार से बताया गया है कि आखिर क्यों सरकार ने इस 2 हजार के नोट को नहीं छापने का फैसला किया है। इस बीच अधिसूचना में एक शब्द का जिक्र किया गया है, जिसका नाम है क्लीन नोट पॉलिसी। अधिसूचना में बताया गया है कि यह फैसला क्लीन नॉट पॉलिसी के तहत लिया गया है। अब लोगों के जेहन में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर ये क्लीन नॉट पॉलिसी है क्या?

क्या है ये क्लीन नॉट पॉलिसी

आम जनता को अच्छी गुणवत्ता के नोट उपलब्ध कराने के ध्येय से सरकार साल 1988 में क्लीन नॉट पॉलिसी लेकर आई थी। जाली नोटों के चलन पर अंकुश लगाना भी इस पॉलिसी का मकसद था। वहीं सरकार के इस कदम का सकारात्मक असर भी पड़ा था। इस पॉलिसी की वजह से लोगों को पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराकर उसके एवज में नए नोट प्राप्त करने के लिए बाध्य होना पड़ा था। इसके इतर इस पॉलिसी का अर्थव्यवस्था पर भी अच्छा असर पड़ा था। लेकिन आर्थिक जानकार बताते हैं कि इस फैसले से बाजार में उस वक्त नकदी का संकट खड़ा हो गया था, जिसकी वजह से रियल एस्टेट, रिटेल और टूरिज्म जैसे सेक्टर काफी प्रभावित हुए थे। इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी इसका बुरा असर पड़ा था, लेकिन जाली नोटों पर इससे काफी हद तक अंकुश लगा था, जिसे ध्यान में रखते हुए इसकी काफी सराहना की जाती है।

कैसे काम करती है क्लीन नॉट पॉलिसी

अब आप यह जान लीजिए कि आखिर यह पॉलिसी कैसे काम करती है ? तो आपको बता दें कि आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 27 के तहत किसी भी व्यक्ति को नोटों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़खानी करने की इजाजत नहीं है। इसके अलावा उसे नोटों को नष्ट करने की भी इजाजत नहीं है, ताकि नोटों का सर्कुलेशन बरकरार रहे। आर्थिक जानकार बताते हुए डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के मकसद ये पॉलिसी लाई गई थी। वहीं, अब सरकार ने 2 हजार के नोट ना छापने का फैसला भी इसी पॉलिसी के तहत लिया है, तो उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि आखिर यह पॉलिसी क्या होती है। आपको बता दें कि आप आगामी 30 सितंबर तक किसी भी स्थानीय बैंक में दो हजार के नोट को वापस कर इसके एवज में कोई दूसरा नोट प्राप्त कर सकते हैं,  लेकिन ध्यान रहे कि अगर आप निर्धारित तिथि तक नोट नहीं बदलवाते हैं, तो आपके पास रखा नोट महज एक कागज का टुकड़ा होगा। उधर, रही बात अभी की तो आप इससे सभी आर्थिक लेन- देन कर सकते हैं  जैसा कि आप अभी तक करते आ रहे हैं।