SVB Bankruptcy: एसवीबी के दिवालिया होने से भारत के इस खास क्षेत्र पर बढ़ा जोखिम, जानिए क्यों हो सकती है मुश्किल

अमेरिका में नियामकों ने बीते शुक्रवार को एसवीबी को दिवालिया घोषित कर बंद करने की बात कही थी। बैंकिंग नियामकों ने एसवीबी को बंद करने के एलान के बाद फेडरल डिपॉजिट इन्श्योरेंस कॉरपोरेशन को बैंक के असेट रिसीवर के तौर पर नियुक्त किया था। एसवीबी का मुख्यालय सेंटा क्लारा में है।

Avatar Written by: March 12, 2023 11:12 am
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कैलिफोर्निया। अमेरिका का मशहूर सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) दिवालिया हो गया है। इससे दुनियाभर में हड़कंप है। अमेरिका के इस दूसरे सबसे बड़े बैंक एसवीबी के दिवालिया होने की वजह से बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो सकता है। इससे पहले साल 2008 में लेहमैन ब्रदर्स और वॉशिंगटन म्युचुअल भी दिवालिया हुए थे और इससे हाहाकार मचा था। लोगों के दिमाग में ये सवाल भी उठने लगा है कि एसवीबी के दिवालिया होने से क्या भारत पर भी असर पड़ सकता है? इस सवाल का जवाब ये है कि एसवीबी के दिवालिया होने का असर भारत के कई स्टार्टअप्स पर पड़ सकता है। एसवीबी ने भारत में 21 स्टार्टअप्स में निवेश किया था। ऐसे में एसवीबी का दिवालिया होना इनके लिए बड़ी मुश्किल का सबब बन सकता है।

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एसवीबी ने भारत के स्टार्टअप्स में कितना निवेश किया था, इसकी जानकारी नहीं है। उसने सबसे ज्यादा निवेश एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस में किया था। एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस ने अक्टूबर 2022 में 150 मिलियन डॉलर की पूंजी भी जुटाई ती। इसके अलावा एसवीबी का निवेश ब्लूस्टोन, पेटीएम, वन97 कम्युनिकेशन, पेटीएम मॉल, नापतोल कारवाले, शादी, इनमोबी और लॉयल्टी रिवार्ड्स में भी है। हालांकि, पेटीएम के प्रमुख विजय शेखर शर्मा के मुताबिक उनकी कंपनी में एसवीबी ने जो निवेश किया था, उसके शेयर बैंक ने पहले ही किसी को बेच दिए थे। ऐसे में पेटीएम को भले दिक्कत न हो, लेकिन तमाम और कंपनियों को कैपिटल जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

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अमेरिका में नियामकों ने बीते शुक्रवार को एसवीबी को दिवालिया घोषित कर बंद करने की बात कही थी। बैंकिंग नियामकों ने एसवीबी को बंद करने के एलान के बाद फेडरल डिपॉजिट इन्श्योरेंस कॉरपोरेशन को बैंक के असेट रिसीवर के तौर पर नियुक्त किया था। एसवीबी का मुख्यालय सेंटा क्लारा में है। बैंक की दिक्कत उस वक्त से शुरू हुई, जब मूल कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल ने अपने पोर्टफोलियो से 21 अरब डॉलर के शेयर बेचने का एलान किया। इसके बाद बैंक से पैसा निकलने लगा। जिसके बाद एसवीबी के शेयरों की कीमत भी घटने लगी। फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों को बढ़ाने से भी एसवीबी पर असर पड़ा। निवेशकों ने भी उसके शेयरों की काफी बिकवाली की। एसवीबी के पास साल 2021 में 189 अरब डॉलर जमा थे। फिर भी वो दिवालिया हो गया।

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