
मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एलान किया था कि अप्रैल से 12 लाख सालाना कमाई करने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा वर्ग के लिए इनकम टैक्स की ये छूट 12.75 लाख तक होगी। अब आम आदमी को कल यानी शुक्रवार को फिर सौगात मिलने की उम्मीद है। आम लोगों को ये सौगात रिजर्व बैंक यानी आरबीआई दे सकता है। आरबीआई की मौद्रिक समिति यानी एमपीसी की बैठक हो रही है। एमपीसी की बैठक में अगर फैसला हुआ, तो आरबीआई रेपो रेट को घटा सकती है। रेपो रेट कम होने से उन लोगों को बहुत राहत मिलेगी, जिन्होंने कर्ज यानी लोन ले रखा है।
दरअसल, महंगाई की दर लगातार ज्यादा रहने के कारण आरबीआई की एमपीसी बैठक में रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया गया था। 2 साल से रेपो रेट में आरबीआई ने कमी नहीं की। रेपो रेट में बढ़ोतरी होने के कारण लोन पर ईएमआई लगातार बढ़ती गई है। इससे कर्ज लेने वालों की जेब पर बोझ पड़ा है। बीते दो हफ्ते में महंगाई की दर कुछ कम हुई है। ऐसे में आरबीआई की एमपीसी बैठक में रेपो रेट घटाने का फैसला हो सकता है। रेपो रेट और अन्य दरों के बारे में आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा शुक्रवार सुबह 10 बजे जानकारी देंगे। वैसे रेपो रेट अगर कम हुआ, तो लोन लेने वालों को तो राहत मिलेगी, लेकिन एफडी या अन्य जमा योजनाओं में पैसा लगाने वालों को कम ब्याज दर का झटका भी लगेगा।
अब आपको बताते हैं कि रेपो रेट क्या है। रेपो रेट वो ब्याज दर है, जिस पर बैंक आरबीआई से रकम उधार पर लेते हैं। रेपो रेट ज्यादा होने के कारण बैंकों के पास नकदी कम बचती है। इसकी वजह से वे लोन पर ब्याज दरों को बढ़ाते हैं। इससे लोन लेने वालों को ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ती है। 7 दिसंबर 2022 को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी किया था। इससे पहले 30 सितंबर 2022 को रेपो रेट 5.90 फीसदी था। जबकि, 22 मई 2020 को रेपो रेट 4 फीसदी था। आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को रेपो रेट बढ़ाकर 6.50 फीसदी की थी। तबसे लगातार महंगाई दर के 6 फीसदी से ज्यादा होने के कारण कोई गिरावट आरबीआई ने नहीं की है।