मुंबई। आपके कर्ज की किस्त यानी EMI एक बार फिर बढ़ने के आसार हैं। आज से रिजर्व बैंक की तीन दिन तक बैठक है। 5 अगस्त को रिजर्व बैंक RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास नई मौद्रिक नीति का एलान करेंगे। मौद्रिक नीति समिति की बैठक में एक्सपर्ट्स इस पर मंथन करेंगे कि महंगाई की दर फिलहाल कितनी है और इसमें गिरावट आने की कितनी उम्मीद है। इसके बाद ही रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर बढ़ाने या कम करने पर फैसला होगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। ये बढ़ोतरी 0.25 से 0.35 फीसदी की हो सकती है।
बता दें कि महंगाई की दर पिछले कई महीने से रिजर्व बैंक की ओर से तय किए गए लक्ष्य से ज्यादा है। ज्यादा महंगाई दर को देखते हुए रिजर्व बैंक ने मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इससे रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया। रेपो रेट बढ़ने से कर्ज की ईएमआई तो बढ़ी ही, डिपॉजिट करने वालों को एफडी में ज्यादा ब्याज भी मिलने लगा। महंगाई दर की बात करें, तो जून में ये 7.01 फीसदी थी। मई में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी और अप्रैल में 7.79 फीसदी रही थी। खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जून में 7.75 और मई में 7.97 फीसदी दर्ज की गई थी।
रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में महंगाई दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया था। इससे पहले साल में ये अनुमान 5.7 फीसदी का था। वहीं, सरकार ने रिजर्व बैंक से कह रखा है कि महंगाई की दर को 4 फीसदी से ऊपर न जाने दिया जाए। ऐसे में सरकार के लक्ष्य से फिलहाल महंगाई की दर 3 फीसदी से थोड़ी ज्यादा है। ऐसे में माना जा रहा है कि रेपो रेट बढ़ाने का ही फैसला होगा। इससे बाजार में मुद्रा कम आएगी और चीजों की कीमत कम होगी।