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BHU प्रशासन की राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन पर सुस्ती चिंताजनक: ABVP

Uttar Pradesh: अभाविप काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष, अभय प्रताप सिंह ने कहा कि, “विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन अपरिहार्य है, अन्यथा बीएचयू जैसा अग्रणी श्रेणी का विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता के अनेक लक्ष्यों को प्राप्त करने में पिछड़ सकता है। इसका परिणाम विश्वविद्यालय की वैश्विक प्रसिद्धि एवं रैंकिंग आदि पर भी पड़ सकता है। साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो भी सुविधाएँ विद्यार्थियों को दी गई है, उनसे वो सभी वंचित रह जाएंगे।”

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस में अभी तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन करने की दिशा में प्रशासन द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाए जाने तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के सुस्त रवैए पर गहरी चिंता प्रकट करती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन की दिशा में शीघ्रता से प्रयास करे। देश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने की दिशा में तेजी से प्रयास हो रहे हैं, वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस नीति के तहत ‘मल्टीपल एंट्री एंड मल्टीपल एक्जिट’ (MEME), बहुविषयक पाठ्यक्रम, चार-वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम आदि पर कोई कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।

अभाविप काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष, अभय प्रताप सिंह ने कहा कि, “विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन अपरिहार्य है, अन्यथा बीएचयू जैसा अग्रणी श्रेणी का विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता के अनेक लक्ष्यों को प्राप्त करने में पिछड़ सकता है। इसका परिणाम विश्वविद्यालय की वैश्विक प्रसिद्धि एवं रैंकिंग आदि पर भी पड़ सकता है। साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो भी सुविधाएँ विद्यार्थियों को दी गई है, उनसे वो सभी वंचित रह जाएंगे।”

अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री साक्षी सिंह ने कहा कि, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर देश के लगभग सभी शैक्षणिक संस्थानों में तेजी से प्रयास चल रहे हैं, वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) इस सूची में कहीं दूर-दूर तक नहीं है। ‘मल्टीपल एंट्री एंड मल्टीपल एक्जिट (MEME), चार-वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के साथ साथ बहु-विषयक पाठ्य-चर्या की रचना करना अपेक्षित था, लेकिन इस दिशा में कार्य नहीं हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में विलम्ब काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रशासन के ढुलमुल रवैए को दर्शाता है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के व्यापक हितों में इस रवैए को शीघ्र बदलना होगा।”