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लॉकडाउन : जेएनयू, यूजीसी नेट और पीएचडी समेत कई प्रवेश परीक्षाएं स्थगित

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने लॉक डाउन को को ध्यान में रखते हुए जेएनयू, यूजीसी नेट और इग्नू पीएचडी समेत कई अन्य प्रवेश परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है।

नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने लॉक डाउन को को ध्यान में रखते हुए जेएनयू, यूजीसी नेट और इग्नू पीएचडी समेत कई अन्य प्रवेश परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, “नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक को विभिन्न परीक्षाओं के आवेदन जमा करने की आखिरी तिथि स्थगित करने की सलाह दी गई है।”

JNU
निशंक ने कहा, “इसके अंतर्गत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की, यूजीसी नेट, इग्नू पीएचडी, आईसीएआर परीक्षा, एनसीएचएम जी और प्रबंधन कोर्स की दाखिला परीक्षाएं शामिल हैं।” इन सभी परीक्षाओं के लिए अंतिम तिथि एक महीना आगे बढ़ा दी गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि सभी छात्र इन परीक्षाओं के लिए सरलता और सुलभता के साथ आवेदन कर सकें।

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कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार नीट परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय पहले ही ले चुकी है। नीट परीक्षाओं के लिए शुक्रवार को एडमिशन कार्ड जारी किए जाने थे। हालांकि देर शाम तक यह कार्ड जारी नहीं किए गए और फिर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नीट परीक्षाएं स्थगित करने की सूचना जारी कर दी।

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मंत्रालय ने नीट 2020 की परीक्षा को स्थगित कर दिया है। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद अब इस प्रकार की राष्ट्रव्यापी परीक्षाएं कराना संभव नहीं है।


गौरतलब है कि कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन किया गया है। नीट-2020 परीक्षा से पहले जेईई मेन की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। देशभर में विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं व शैक्षणिक कार्य स्थगित किए जाने के बावजूद शुक्रवार शाम तक नीट-2020 को लेकर स्थिति साफ नहीं थी।

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मंत्री निशंक ने कोरोना वायरस से लड़ने की जंग में एक बड़ा ऐलान भी किया। उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पूरे देश में आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय विद्यालयों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्वारंटाइन (एकांतवास) केंद्र के रूप में उपयोग के लिए तुरंत स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराया जाए।”