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Delhi: दिल्ली स्कूलों में शुरू हो रहा है न्यू सेशन, लेकिन पढ़ाई होगी घर पर

Delhi: दिल्ली के 28 सौ से अधिक स्कूलों (Delhi School) में 1 अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने जा रहा है। दिल्ली के अलावा देशभर के लगभग सभी राज्यों में नए शैक्षणिक सत्र (New academic session) शुरू करने की तैयारी कर ली गई है।

नई दिल्ली। दिल्ली के 28 सौ से अधिक स्कूलों (Delhi School) में 1 अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने जा रहा है। दिल्ली के अलावा देशभर के लगभग सभी राज्यों में नए शैक्षणिक सत्र (New academic session) शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। इस बीच पूरी दिल्ली समेत देशभर के अधिकांश राज्यों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र नए सत्र की शुरूआत में भी स्कूल नहीं जा सकेंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि एक बार फिर से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच छोटी कक्षाओं के लिए फिलहाल स्कूल नहीं खोले जाएंगे। दिल्ली के अलावा पंजाब, पुडुचेरी, गुजरात, हिमाचल, चंडीगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों ने भी फिलहाल छोटी कक्षाओं के लिए स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है।

Delhi Sarvoday School Happiness School

इनमें से कई राज्य ऐसे हैं जहां पहले स्कूल खोले गए थे लेकिन अब कोरोना की स्थिति को देखते हुए यहां अलग-अलग समय सीमा तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली के कई नामी स्कूलों जैसे कि एयरफोर्स बाल भारती, दिल्ली पब्लिक स्कूल, ग्रीन फील्ड स्कूल, अर्वाचीन समेत अन्य स्कूलों ने अभिभावकों को विशेष सकरुलर जारी किया है। इन स्कूलों द्वारा जारी किए गए सकरुलर के मुताबिक अगले शैक्षणिक सत्र में भी बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन ही चलेगी। छात्र घर से ही आगे की पढ़ाई करेंगे। दिल्ली सरकार और इन सभी प्राइवेट स्कूलों का प्रबंधन फिलहाल यह बताने की स्थिति में नहीं है कि नियमित कक्षाएं कब से शुरू की जा सकेंगी।

ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं दिल्ली यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य अशोक अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प मजबूरी है। लेकिन जहां संभव हो वहां छात्रों को स्कूल आने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। एक अनुमान के मुताबिक स्कूल बंद रहने के कारण छात्रों के स्कूल ड्रॉपआउट दर में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यदि अभी भी स्कूल बंद रहे तो छात्रों का ड्रॉपआउट दर और अधिक बढ़ जाएगा।

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अशोक अग्रवाल ने कहा, जहां कोरोना के कारण स्कूल खोलना संभव न हो सके वहां ऑनलाइन माध्यमों को और सशक्त किए जाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही स्कूल और छात्रों के बीच अन्य स्तर पर भी संवाद कायम होना चाहिए। वहीं ऐसे अभिभावक भी परेशान हैं जो बीते वर्ष ट्रांसफर होकर एक राज्य से दूसरे राज्य में गए थे और बच्चों का स्कूल में दाखिला नहीं करा सके।

नैनीताल से दिल्ली आए पूरन चंद्र ने आईएएनएस से कहा, बीते वर्ष हम मार्च के दूसरे हफ्ते में नैनीताल से दिल्ली आए। मेरा बेटा मनीष तीसरी कक्षा में पड़ता है। लॉकडाउन के कारण मनीष को कहीं एडमिशन नहीं मिल सका। पूरे साल घर पर रहने के बाद अब उसे चौथी कक्षा में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है। स्कूल न खुलने के कारण यह समस्या और अधिक गंभीर हो गई है। पूरन चंद्र जैसे ट्रांसफर होकर आए हजारों अभिभावकों एवं उनके बच्चों की यही स्थिति है। उधर दिल्ली अभिभावक संघ का कहना है कि कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्कूल न खोलना सही निर्णय है, लेकिन यह निर्णय 9वी और 11वीं कक्षा के छात्रों पर भी लागू होना चाहिए।