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स्कूली ड्रॉप आउट छात्रों की बढ़ती संख्या पर कुंभकर्णी नींद से जागे ओडिशा सरकार: ABVP

Odisha: अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, “ओडिशा में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। वहीं दूसरी ओर ओडिशा सरकार के मंत्री इस समस्या के पीछे उलजलूल कारण बता समस्या से पल्ला झाड़ रहे हैं। ओडिशा में स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों में बड़ी संख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग से आती है, विद्यार्थी स्कूल न छोड़ें इसलिए ओडिशा सरकार को हर संभव प्रयास करने होंगे। अभाविप मांग करती है कि सरकार इस समस्या के सही कारणों का पता लगाए तथा समस्या का शीघ्र निदान करे।”

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, ओडिशा में दसवीं कक्षा के छात्रों के लगातार विद्यालय छोड़ने की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करती है। विभिन्न स्त्रोतों के आंकड़ों के अनुसार ओडिशा में अलग-अलग कक्षाओं के स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में प्रति वर्ष वृद्धि हो रही है , इस गंभीर स्थिति पर ओडिशा सरकार का उदासीन रवैया निंदनीय तथा दुर्भाग्यपूर्ण है। अभाविप का स्पष्ट मत है कि शिक्षा हर वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों के लिए सुलभ होनी चाहिए तथा सभी विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए, इसके लिए राज्य व अन्य हितधारक गंभीर प्रयास करें। ओडिशा के बालासोर, कालाहांडी, कटक आदि जिलों से ड्रॉप आउट स्कूली छात्रों की संख्या के आंकड़े चिंताजनक हैं। ओडिशा में 2022 में 44000 के लगभग छात्र मैट्रिक की परीक्षा में शामिल नहीं हुए,जो कि अब तक सर्वाधिक संख्या है। अभाविप मांग करती है कि इस समस्या को रोकने के लिए ओडिशा सरकार गंभीर प्रयास करे।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, “ओडिशा में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। वहीं दूसरी ओर ओडिशा सरकार के मंत्री इस समस्या के पीछे उलजलूल कारण बता समस्या से पल्ला झाड़ रहे हैं। ओडिशा में स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों में बड़ी संख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग से आती है, विद्यार्थी स्कूल न छोड़ें इसलिए ओडिशा सरकार को हर संभव प्रयास करने होंगे। अभाविप मांग करती है कि सरकार इस समस्या के सही कारणों का पता लगाए तथा समस्या का शीघ्र निदान करे।”

Yajnavalkya Shukla

अभाविप ओडिशा के प्रदेश मंत्री अरिजीत पटनायक ने कहा कि,” ओडिशा की सरकार राज्य में नाबालिग विवाह, आर्थिक विकास में बाधाओं तथा बाल श्रमिकों की बढ़ती संख्या आदि को रोकने में पूरी तरह से विफल‌ रही है। मिड-डे मील तथा प्रवेश शुल्क आदि के संदर्भ में हो रहे भ्रष्टाचार को ओडिशा सरकार रोक नहीं पा रही, यह सब कारण राज्य में युवाओं तथा विद्यार्थियों के लिए प्रतिदिन नई चुनौती खड़ी कर रहे हैं। ओडिशा सरकार को खोखले दावे करने के बजाय जमीनी हकीकत पर गौर करना होगा तथा स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूल में पुनः नामांकन कराने तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित करनी होगी।”