नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा में कई ऐसे अभिनेता है जो हीरो नहीं बल्कि विलेन बनकर इंडस्ट्री में छाए है। उनकी एक्टिंग से लोग रियल लाइफ में भी डरते थे। कई अभिनेताओं ने अपने किस्से लोगों के साथ शेयर भी किए है। अब इस बीच बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता जिनकी गिनती अच्छे हीरो में नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ विलेन में होती है। एक्टर भले ही इस दुनिया में ना हो लेकिन आज भी उनके रोल को लोग याद करते है। उनका सबसे फेमस डॉयलॉग मोगैंबो खुश हुआ तो आपने सुना ही होगा। इस डॉयलॉग को आज भी लोग इस्तेमाल करते है इससे ये पता चलता है, कि अमरीश पुरी भले ही विलेन का रोल अदा करते हो फिल्म में लोग उनसे नफरत करते है लेकिन उनसे प्यार करने वालों की कमी नहीं है।
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अमरीश पुरी की डॉयलॉग डिलीवरी की टाइमिंग काफी बढ़िया होती थी
अमरीश पुरी एक भारतीय अभिनेता थे, जो भारतीय सिनेमा और थिएटर में सबसे बेहतर और महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक थे। उन्होंने 450 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और खुद को भारतीय सिनेमा में सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक के रूप में स्थापित किया। एक्टर का जन्म 22 जून 1932 को नवांशहर में हुआ था। अमरीश पुरी सिर्फ निगेटिव नहीं बल्कि पॉजीटिव रोल में भी खूब छाए हुए थे। इनके बारे में एक बात कही जाती है कि इनकी डॉयलॉग डिलीवरी टाइमिंग काफी बढ़िया होती है।
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एक्टर ने बेटे को बॉलीवुड से दूर रहने को कहा था
अमरीश पुरी ने हिंदी सिनेमा के अलावा पंजाबी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम फिल्मों में भी भूमिका निभाई है। अमरीश पुरी मुम्बई में हीरो बनने आए थे लेकिन उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। डायरेक्टर उनको उनके चेहरे की वजह से रिजेक्ट कर देते थे। इससे एक्टर को दुख होता था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी फिर उन्होंने विलेन के लिए ऑडिशन देने शुरु किया और उसके बाद अभिनेता को कई फिल्में भी मिली और अमरीश एक अच्छे विलेन के रूप में उभरे। अपने आपको इस इंडस्ट्री में इतना संघर्ष करता देख ही एक्टर ने अपने बेटे को फिल्मों में ना आने की सलाह दी है। इसके पीछे की यह वजह भी थी कि उस वक्त बॉलीवुड में काफी संघर्ष था जिस कारण वह नहीं चाहते थे कि उनके बेटे को भी उन सब दिक्कतों का सामना करना पड़े जो उन्होंने किया था।