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Boycott Pathaan: नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्ना पाठक शाह ने पठान फिल्म का किया सपोर्ट, बोलीं – लोगों के पास खाने को नहीं…

Boycott Pathaan: प्रकाश राज जैसे लोगों ने विरोध करने वालों को अंधभक्त कह दिया। वहीं स्वरा भास्कर भी पठान फिल्म का सपोर्ट करती दिखीं। वहीं अब नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्न पाठक शाह भी पठान फिल्म और गाने के सपोर्ट में उतरी हैं। बेशरम रंग गाने को लेकर नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्ना पाठक शाह का क्या कुछ कहना है, यहां हम आपको यही बताने वाले हैं।

नई दिल्ली। पठान फिल्म का सपोर्ट कुछ लोग कर रहे हैं हालांकि एक बड़ा तबका फिल्म का विरोध कर रहा है। अक्सर शाहरुख खान के सपोर्ट में कुछ लोग आ जाते हैं। लेकिन वहीं एक बहुत बड़ा तबका शाहरुख खान का विरोध कर रहा होता है। हमने पिछले हफ्ते रिलीज़ हुए गाना बेशरम रंग में देखा किस तरह से भगवा रंग को बेशरम रंग बताकर उसको बदनाम किया गया। जिसके बाद पूरे भारत में पठान फिल्म का और बेशरम रंग गाने का खुलकर विरोध हुआ। जहां देश के तमाम दर्शक फिल्म का विरोध कर रहे थे वहीं देश के कुछ लोग और स्टार फिल्म के और गाने के सपोर्ट में थे। प्रकाश राज जैसे लोगों ने विरोध करने वालों को अंधभक्त कह दिया। वहीं स्वरा भास्कर भी पठान फिल्म का सपोर्ट करती दिखीं। वहीं अब नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्न पाठक शाह भी पठान फिल्म और गाने के सपोर्ट में उतरी हैं। बेशरम रंग गाने को लेकर नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्ना पाठक शाह का क्या कुछ कहना है, यहां हम आपको यही बताने वाले हैं।

आपको बता दें रत्ना पाठक शाह अपनी गुजराती फिल्म कच्छ एक्सप्रेस के प्रमोशन में व्यस्त हैं। 6 जनवरी को गुजराती फिल्म कच्छ एक्सप्रेस सिनेमाघर में रिलीज़ होने वाली है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, रत्ना पाठक शाह ने फिल्म पठान के गाने पर अपनी राय रखते हुए बताया की इस देश की बड़ी विडंबना है कि लोगों के पास अपनी थाली में खाना नहीं है लेकिन किसी और के पहने हुए कपड़े पर ये लोग गुस्सा करते हैं। रत्ना पाठक शाह ने साथ ही साथ ये भी बताया कि आजकल कला की स्वंत्रता खत्म होती जा रही है। उन्होंने बताया कि कला और शिल्प को एक निश्चित स्वंत्रता की आवश्यकता होती है लेकिन आज वो स्वंत्रता पूरी तरह से खत्म होती जा रही है।

रत्ना पाठक शाह ने बताया कि भारत में घृणा का माहौल है। उन्होंने कहा जो आजकल बॉयकॉट चल रहा है ये ज्यादा दिन तक टिकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा आज लोग भारत के लोग घृणा और नफरत से भरे हुए हैं। जब उनके पठान फिल्म के गाने को लेकर चल रहे विवाद पर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आज हम मूर्खतापूर्ण समाज में जी रहे हैं। मैं इस समय को और ऐसी बातों को ज्यादा महत्व देना नहीं चाहूंगी। जिसके बाद रत्ना पाठक शाह ने कहा कि लोगों के पास आज थाली में खाना नहीं है लेकिन वो किसी के पहने हुए कपड़ों का विरोध कर रहे हैं। रत्ना पाठक शाह ने इससे पहले हिन्दुओं के त्योहारों और रीति रिवाजों का मजाक बनाया है। हाल ही में रत्ना पाठक शाह ने करवाचौथ व्रत का भी मजाक उड़ाया था, जो हिन्दू धर्म की तमाम स्त्रियों का अपमान था।

रत्ना पाठक शाह और नसीरुद्दीन शाह दोनों में समानताएं हैं। इन दोनों को ही भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और कला की स्वतंत्रता की कमी महसूस होती है। ये अक्सर भाजपा पार्टी के विरोध में खड़े दिखते हैं। इसके अलावा लोगों के तो यहां तक आरोप हैं कि ये लोग अक्सर ऐसी बातें करते हैं जो भारत को नीचे गिराने का काम करती है। रत्ना पाठक शाह के हालिया बयान से तो यही लग रहा है की पूरे भारत में भुखमरी जैसे हालात हैं। भारत के लोग खाने को तरस रहे हैं। जब रत्ना पाठक शाह कला की स्वतंत्रता की बात करती हैं तो उन्हें उन दर्शकों की स्वतंत्रता का ध्यान रखना चाहिए जिसके लिए वो और उनके जैसे कलाकार कला का निर्माण कर रहे हैं। अगर दर्शक बनाए गए गाने का विरोध कर रहे हैं तो वो उस विरोध को दर्ज़ करने के लिए पूर्ण स्वतंत्र न कि सिर्फ नसीरुद्दीन और रत्ना पाठक शाह अपनी कला के लिए ही स्वतंत्र हैं।