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Boycott Pathaan: भगवा रंग के गलत प्रयोग से अब संत कर रहे हैं पठान फिल्म का बॉयकॉट, बोले – “सुधार लें नहीं इससे बड़ा विरोध होगा”

Boycott Pathaan: कल ही साध्वी प्रज्ञा ने पठान फिल्म का बहिष्कार किया था और अब संत प्रदीप मिश्रा ने भी पठान फिल्म के बेशरम रंग गाने में प्रयोग भगवा रंग पर आपत्ति जताई है। इसके अलावा अन्य तमाम संत भी पठान फिल्म का जमकर विरोध कर रहे हैं। यहां हम आपको बताएंगे की भारत के ये पूजनीय और सनातनी संत आखिर क्यों पठान फिल्म का बहिष्कार कर रहे हैं।

नई दिल्ली। पठान फिल्म का विरोध सभी कर रहे हैं। लगभग पूरा भारत एक जुट होकर पठान फिल्म को बॉयकॉट कर रहा है। पठान फिल्म के बॉयकॉट का प्रमुख कारण बना बेशरम रंग गाने में दीपिका पादुकोण का भगवा रंग की बिकनी पहनना। बेशरम रंग गाने में भगवा रंग की बिकनी पहने जब से दीपिका दिखीं हैं तब से चारों तरफ से फिल्म का विरोध होने लगा है। फिल्म का विरोध आम जनता ही नहीं कर रही है बल्कि बड़े बड़े और महान संत भी पठान फिल्म का बहिष्कार कर रहे हैं। कल ही साध्वी प्रज्ञा ने पठान फिल्म का बहिष्कार किया था और अब संत प्रदीप मिश्रा ने भी पठान फिल्म के बेशरम रंग गाने में प्रयोग भगवा रंग पर आपत्ति जताई है। इसके अलावा अन्य तमाम संत भी पठान फिल्म का जमकर विरोध कर रहे हैं। यहां हम आपको बताएंगे की भारत के ये पूजनीय और सनातनी संत आखिर क्यों पठान फिल्म का बहिष्कार कर रहे हैं।

पंडित प्रदीप मिश्रा टीवी चैनलों पर अपनी कथा के लिए विश्व में विख्यात हैं। उनके कार्यक्रम को बहुत से संत टीवी के माध्यम से और अन्य माध्यमों से सुनते हैं। उनको जानने और उनको मानने वालों की कमी नहीं है। अब पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी पठान फिल्म का बहिष्कार किया है। उन्होंने कहा है कि सनातनी लोग और हिन्दू धर्म, कभी भी, किसी अन्य धर्म और पंथ के लोगों का अपमान नहीं करता है लेकिन सनातन धर्म के लोगों का और हिन्दू धर्म का अपमान बॉलीवुड के द्वारा अक्सर किया जाता है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा, “कि जब तुम कश्मीर फाइल्स देखने नहीं गए तो हम पठान फिल्म देखने क्यों जाएंगे।” 

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, “उस गाने में आखिर भगवा रंग ही क्यों पहनाया है। अगर कपड़े ही पहननाने थे तो हरे रंग के पहना देते, सफ़ेद रंग के पहना देते या काला रंग का पहना देते कोई जरूरी है भगवा रंग के कपड़े ही पहनाना।” आगे उन्होंने कहा, “विरोध का कारण खुद ही उत्पन्न किया गया है यहां किसी को कोई फुर्सत नहीं है या किसी को कोई पागल कुत्ता ने नहीं काटा है, कि जानकार भोकेगा या जानकर चिल्लाएगा।” उन्होंने कहा कि हम इतना कहना चाहेंगे आप परिधान के साथ में जो बेटियों का चरित्र दिखा रहे हो, या स्वरूप दिखाना चाहते हो और प्रस्तुत करना चाहते हो तो यहां प्रश्न बनता है कि आखिर ये लोग क्या दिखाना चाहते हैं और क्या प्रस्तुत करना चाहते हैं। क्योंकि हमारे यहां की बहन बेटियां तो ऐसी नहीं हैं।

पंडित प्रदीप मिश्रा के अलावा अन्य जैसे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है, “शाहरुख खान हमेशा ही हिन्दू विरोधी रहे हैं। इनके द्वारा जितनी भी फिल्म बनाई जाती हैं उसमें हिंदुओं का अपमान किया जाता है। हमें बहुत दुःख है दीपिका पादुकोण जो खुद हिन्दू वो इनका साथ दे रही हैं। इस गाने में भगवा रंग को जिस तरह से अपमानजनक तरीके से दिखाया जा रहा है इसीलिए हम इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं।” उनकी मांग है सेंसर बोर्ड इस गाने पर कारवाई करे नहीं तो इस गाने का विरोध और जोर से पूरे भारत में दिखाई देगा।

इसके अलावा निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी का कहना है कि “फिल्म मनोरंजन के लिए बनाई जाती है लेकिन जिस तरह से भगवा वस्त्र पहनकर गाना गाया जा रहा है वो निंदनीय है। ये हमारे हिन्दू धर्म के खिलाफ है और भगवा रंग को गाने से हटा देना चाहिए। क्योंकि उससे हमें काफी ठेस पहुंच रही है। अगर भगवा रंग नहीं हटता है तो संत समाज इसपर कारवाई करने के लिए तैयार है।” अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने भी “भगवा रंग हटाने की अपील करते हुए चेतावनी दी है कि अगर उसे हटाया नहीं जाता है तो फिर पूरा संत समाज इसके लिए आंदोलन करेगा।”

इसके अलावा पठान फिल्म के गाने का बहिष्कार बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने भी किया है और उन्होंने कहा है, “देखो तुमने एक अभिनेता की फिल्म (लाल सिंह चड्ढा) बॉयकॉट करी थी, वो अब हाथ में कलावा बांधने लगे, KHAN नाम वाले अभिनेता वैष्णो देवी माता के मंदिर जा रहे हैं। सौगंध खाओ, जो सनातन धर्म का विरोध करे उसका बॉयकॉट करो।”