Gandhi Godse – Ek Yudh: “गांधी-गोड़से युद्ध” फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने लिया गोड़से का पक्ष, बोले- गोड़से के साथ…

Gandhi Godse – Ek Yudh: फिल्म बनकर तैयार हो गई है और अभी फिल्म के प्रमोशन चल रहे हैं। फिल्म के मेकर्स फिल्म को दर्शक तक पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में गांधी- गोड़से फिल्म के डायरेक्टर ने नाथूराम गोड़से के विषय में क्या कुछ कहा है यहां हम आपको यही बताने वाले हैं।

Avatar Written by: January 12, 2023 6:55 pm

नई दिल्ली। पठान फिल्म के साथ गांधी गोड़से युद्ध फिल्म को रिलीज़ किया जाएगा। इस फिल्म को 26 जनवरी को रिलीज़ किया जाएगा। वहीं पठान फिल्म को 25 जनवरी को रिलीज़ किया जाएगा। पठान फिल्म की रिलीज़ के आगे गांधी- गोड़से युद्ध भले उतना बॉक्स ऑफिस कलेक्शन न कर पाए। लेकिन ये फिल्म दर्शकों का ध्यान जरूर आकर्षित करेगी। एक पक्ष के दर्शक जरूर इस फिल्म को देखने के लिए जायेंगे। फिल्म बनकर तैयार हो गई है और अभी फिल्म के प्रमोशन चल रहे हैं। फिल्म के मेकर्स फिल्म को दर्शक तक पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में गांधी- गोड़से फिल्म के डायरेक्टर ने नाथूराम गोड़से के विषय में क्या कुछ कहा है यहां हम आपको यही बताने वाले हैं।

गांधी- गोड़से युद्ध पर बात करते हुए फिल्म के डायरेक्टर ने बताया कि गोड़से के कोई गलत आदमी नहीं था और उनकी आवाज़ को सबको सुनना चाहिए था। गांधी गोड़से फिल्म के प्रमोशन के चलते डायरेक्टर से पूछा गया, ” महात्मा गांधी का दुनियाभर में नाम है कि उन्होंने किस तरह से देश की आजादी में अपना योगदान दिया था। तमाम तरह के आंदोलन चलाए थे और एक ख़ास परिस्थिति में ब्रिटिश राज से भारत को आजादी मिली थी। ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है की क्या इस फिल्म से गोड़से का महिमामंडन करना चाह रहे हैं। क्या आप इस फिल्म के रिलीज़ होने के बाद उठने वाले विवादों को लेकर तैयार हैं।

इस पर गांधी गोड़से युद्ध फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने जवाब देते हुए कहा, “ये सवाल मेरे जहन में था। मैं जानता हूं गांधी जी की अपनी जगह है और गोड़से की अपनी जगह है। मेरी गांधी जी और गोड़से से दोनों से अपनी हमदर्दी है। गांधी जी का जितना सम्मान किया जाता है उससे ज्यादा उन पर आरोप भी लगते रहे हैं। गांधी जी को वक़्त नहीं मिला कि सवालों का जवाब दे सकें।

आगे राजकुमार संतोषी कहते हैं, “ऐसे ही गोड़से को लोगों ने अपराधी बना दिया। उन्होंने कोर्ट में जो भी स्टेटमेंट कही, मुझे लगता है उनकी आवाज़ को दबाया गया था। जो गोड़से के साथ जुल्म हुआ, गलत हुआ। लोगों को पता चलना चाहिए ये बात। इस बात को बताने में किस बात का डर है। उन्होंने जो कोर्ट में कहा वो लोगों को पता चलना चाहिए। क्योंकि वो हक़ गोड़से का है। और ये फिल्म उन्हें ये हक़ देती है। हम गांधी को भी आवाज़ देते हैं और गोड़से को भी।”

आगे उन्होंने लोकतंत्र का जिक्र करते हुए कहा, “हम लोकतंत्र में रहते हैं ऐसे में हमें उनकी आवाज़ को दबाना नहीं चाहिए। बहुत से लोग हैं जो उनकी बात को भी जानना चाहते हैं। कुछ लोग उन्हें आतंकवादी मानकर उनकी बात सुनना भी पसंद नहीं करते हैं। ये क्या है। गोड़से कोई सुपारी किलर नहीं था। गोड़से कोई आतंकवादी नहीं था। गोड़से हम जैसा एक इंसान था, जिसने एक एक कदम उठाया अब उसका फैसला इतिहास करेगा। और हम आज इतिहास में हैं तो हम गांधी और गोड़से दोनों को सुनने के बाद, युवाओं को तय करने देते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है।” एक फ़िल्मकार के तौर पर मैं कहूंगा ये कोई प्रोपगैंडा फिल्म नहीं है बल्कि एक सच्ची फिल्म है।